पांच दरवाजों के पीछे
अँधेरी कोठरी
कई तालों के अन्दर
माँ मुझे छिपा कर
खाना खिलाती
सिर पर हाथ फेर
बार बार बहलाती
खुद को मुझको
कुछ भी नहीं
होने देगी!!
दिल धड़कने की
आहट से डर
चीर अँधेरे
तालों से हो कर
परछाईं उसकी आ जाती
कई सवाल
क्यों कैसे
समय किसका ख़राब
तुमको तो मरना ही था
मैने क्यों बेकाबू हो
गुस्से में पागल कर
झगड़ा बड़ा
होश गवां
तुम्हें मार
आप गवाया!!
अल्का माथुर
16 .12 .2017
अँधेरी कोठरी
कई तालों के अन्दर
माँ मुझे छिपा कर
खाना खिलाती
सिर पर हाथ फेर
बार बार बहलाती
खुद को मुझको
कुछ भी नहीं
होने देगी!!
दिल धड़कने की
आहट से डर
चीर अँधेरे
तालों से हो कर
परछाईं उसकी आ जाती
कई सवाल
क्यों कैसे
समय किसका ख़राब
तुमको तो मरना ही था
मैने क्यों बेकाबू हो
गुस्से में पागल कर
झगड़ा बड़ा
होश गवां
तुम्हें मार
आप गवाया!!
अल्का माथुर
16 .12 .2017
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