ख़ाली बैठा दुकानदार , मोबाईल पर लगा था
ज्ञान पा रहा था , गदगद हो रहा था,
कुछ करना चाहिए , सोच में फंसा था !
पूण्य जरूर कमाना चाहिए, मोह नहीं करना
मजबूर को आधे ही दाम में दे देना , तय था
उदास नवजवान , दुकान में उसी छ्ण घुसा
केक के दाम पूँछ , सोच में डूब रहा था
पर्स को कभी , कभी बाहर देख रहा था
कम दे देना भाई , कोई बात नहीं दुकानदार बोला
बच्चा जिद कर बैठा, पापा केक जरूर लाना
पेट भर खाना नहीं , ज़िद कहाँ से पूरी करूँगा
मन नहीं माना सो घुस गया ,दुकान पर
आप मुझको माफ़ कर देना, गलती स्वीकारता
दिल पसीजा, केक ,केंडल ,गुबारे सहित दिया
बच्चे को आशीष देने ,ख़ुशी को बढ़ाने
दुकानदार बहार आने लगा ,
आँखे नम हो गई , नज़ारा देख कर
दया , मेहनत मजबूरी कैसा बिजनेस बन रही
केक वही बेच , पैसे गिनता युवक , कही जा रहा था
अल्का माथुर
11 . 04 . 2018
ज्ञान पा रहा था , गदगद हो रहा था,
कुछ करना चाहिए , सोच में फंसा था !
पूण्य जरूर कमाना चाहिए, मोह नहीं करना
मजबूर को आधे ही दाम में दे देना , तय था
उदास नवजवान , दुकान में उसी छ्ण घुसा
केक के दाम पूँछ , सोच में डूब रहा था
पर्स को कभी , कभी बाहर देख रहा था
कम दे देना भाई , कोई बात नहीं दुकानदार बोला
बच्चा जिद कर बैठा, पापा केक जरूर लाना
पेट भर खाना नहीं , ज़िद कहाँ से पूरी करूँगा
मन नहीं माना सो घुस गया ,दुकान पर
आप मुझको माफ़ कर देना, गलती स्वीकारता
दिल पसीजा, केक ,केंडल ,गुबारे सहित दिया
बच्चे को आशीष देने ,ख़ुशी को बढ़ाने
दुकानदार बहार आने लगा ,
आँखे नम हो गई , नज़ारा देख कर
दया , मेहनत मजबूरी कैसा बिजनेस बन रही
केक वही बेच , पैसे गिनता युवक , कही जा रहा था
अल्का माथुर
11 . 04 . 2018
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