Friday, 13 April 2018

अपराध (कविता)# समाज #परिवार # देश # ध्रणित #कविता #अलका माथुर

उढो आज आवाहन करती, मासूमो की आँखे
घृणित अत्याचारी को दो सजा समतुल्य !
कोर्ट कचहरी से भी पहले ,
बेटा - पति या बेटी - पत्नी ..हर रिश्ते पर हो
मानवता भारी , देश प्रेम को कर सर्वोपरि
परिवार - संबंधो की मार दिला दो
अपराध से पहले ही धमका दो !
भागीदार परिवार कोई न हो !

हर परिवार ,हर इकाई  - एक पंखुड़ी
जीवित रखे बगिया मासूमो की
अपराधी को सजा दिला दो!!

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