Monday, 26 February 2018

कांजी के बड़े (माथुरों की ख़ास रेसिपी )# होली विषेण # कायस्थ # यू पी वाले #पानी के बड़े # अलका माथुर

कांजी पानी का अचार सब्जियों के साथ काफ़ी लोग बनाते हैं, माथुर ख़ास तोर से होली के पांच दिन पहले ,उड़द दाल के बड़े बना कर उसकी कांजी ड़ालते है।
पुरानी कांजी के बड़े बनाने की रेसिपी आपके लिए....

आधा किलोग्राम उड़द दाल को तीन घंटे गरम पानी में भिगोयें।
बिना पानी के पीसे ।
पिसे उड़द दाल को फेंटे थोड़ा पानी डाल कर फेंटे।नमक भी डाल सकते हैं नमक दाल कर दाल को ज्यादा देर रखने से दाल गीली लगने लगती हैं। जब पानी में एक पकौड़ी डालने से तैर जाये ऊपर तब तेल गरम करें और उसमें छोटी छोटी पकौड़ी सेक लें।
50 क़रीब बड़े बनते है आधा किलोग्राम दाल में।

कांजी के बड़े

50 तले हुये बड़े
3 लीटर उबला पानी
4 चम्मच नमक
5 चम्मच पिसी राई
लाल मिर्च पाउडर थोड़ा सा या इच्छानुसार
1 चम्मच जीरा
1/2 चम्मच हींग
1/2 चम्मच घी
5 लीटर वाली पत्थर वाली या काँच की बरनी या बॉट

एक कोयले या कंडे को गर्मकरके उसके  ऊपर एक कटोरी में घी रखें ,उस में जीरा और हींग डालें।
धुँआ निकलने लगें तो उस पर बरनी ढ़क दें।
बरनी को धूप में रख कर पहले से ही उसको साफ रखना हैं।
उबले गरम पानी में तले बड़े ,नमक , मिर्च , पिसी राई मिलायें।
धुँआ भरी बरनी में डालें और जल्दी से ढक्कन लगाये और मले आटे से चिपका कर बंद करें।
अगर प्लास्टिक के डब्बे में बना रहे है तो दाल की तरह चमचे को गरम करके भी छौंक डाल सकते है।


Friday, 23 February 2018

(जल्दी बनने वाला नाश्ता) (मेथी मक्की पराठा)# ठंड के दिन मे उपयोगी # देसी नाश्ता # अलका माथुर द्वारा व्यंजन विधि

मक्का का आटा बहुत सारी चीजें बनाने में होता है। साग और मक्का की रोटी तो बहुत बनाई होगी।
इसको भी आजमाए .....

मेथी मक्की का पराठा

1 कप कटी धुली मेथी
1 कप मक्का का आटा
नमक और कुटी हरी मिर्च
 गरम पानी आटा मलने के लिए
तेल पराठा बनाने के लिए

आटा छानें और उसमें आधा चम्मच नमक ,मिर्च और मेथी मिलायें।
थोड़ा थोड़ा गरम पानी मिला कर आटा मल लें।
हाथ में चिपके नहीं , तेल का हाथ लगा कर मसलें ,इसको ऐचना या मुक्की लगाना कहते है।
छोटे पांच लोई बनाये।
बेलने के लिए दो प्लास्टिक के बीच हाथ से बड़ा कर लें।अगर हाथ से डेकना आता है तो गीले हाथ से बनाये ।
तवा गरम करें और गरम गरम परांठे कुरकुरे करके सेकें।
दही और चटनी के साथ परोसें।
मक्खन भी साथ में मजा देगा।

Thursday, 22 February 2018

Cheese n curd baked pudding (मीढा व्यनजन))

मिठास बहुत तरह की होती है। चीनी और गुड़ को तरह तरह से तरह तरह के रूप में मिठाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रसायन या संरचना के हिसाब से देखें तो ग्लूकोस (6कार्बन शुगर ) फ्रक्टोस (5 कार्बन शुगर)।
चीनी और गुड़ में और हमारे शरीर में ग्लूकोस वाली ही चीनी होती है और बीमारी में भी यही नुकसान करती है।
शुगरफ़्री भी ये 5 कार्बन होती है जो खून में नहीं रहती और कम नुकसान करती है।जितने भी बीज सब्जी जिनमें कार्बोहिद्राट होते है उनसे ही ग्लूकोस और फ्रक्टोस निकाला जाता है।
गन्ने के रस से गुड़ बनाने जैसा सीधा काम नहीं है। रिसर्च का विषय है।


मै उसको इस्तेमाल करके एक बड़ा झटपट बनने वाली पुडिंग बनाती हूँ।

स्ट्रॉबेरी चीज़ बेक

1 किलो दूध
1 कप दही
आधा कप फ्रूट का गूदा (4 या 5 स्ट्रॉबेरी)
2बड़े चम्मच फ़्रेक्टोज

दूध को उबालें।आँच से हटा कर नींबू का रस थोड़ा थोड़ा करके मिलायें।
दूध फट जायेगा, मुस्लिन क्लॉथ यानी पतले कपड़े में छान लें।
पनीर बनाने की तरह बहुत मत दबाये।नरम छेना (mascarpone cheese) जैसा ही उपयोग करें।
दही ,फल की प्यूरी या स्ट्रॉबेरी और ताजा नरम छेना एक साथ एक सा सॉफ्ट पेस्ट जैसा बनाये।
मीठे के लिए फ़्रेक्टोज मिलायें।मात्रा कम ज्यादा कर लें।
छोटी छोटी 4 सर्विंग डिश मे निकाल लें।
ओवन में एक ट्रे में गरम पानी लें उसमें डिश रखें और पांच मिनिट 180 ℃ पर बेक करें।
गरम गरम ही परोसें ऊपर से कुछ और फल से सजायें।

Wednesday, 21 February 2018

होली पर रंग बिरंगा करांची हलुआ नए अंदाज में (a sweet dish)

करांची हलुआ या सोन हलुवा यूँ तो अपने टेक्सचर के लिए खास तोर से जाना जाता है। वही स्वाद अगर नरम चीज़ में बनाये तो कैसा रहें।
एकदम सरल तरीका और बढ़िया स्वाद!!

करांची हलुआ नए अंदाज में

कॉर्नफ्लोवर -  70 ग्राम या 3 बड़े चम्मच
चीनी।       - 200 ग्राम या एक कप भर कर
नीबू का रस - 2चम्मच
रंग।           - 2 बून्द लाल या कोई भी
देसी घी      - 3 चम्मच
पानी          - एक ग्लास और आधा ग्लास

एकदम आसान है ।कढ़ाई में चीनी और एक ग्लास पानी को उबलने रख दें।
कॉर्नफ्लोवर को आधा ग्लास पानी में घोलें।
चीनी घुल जाये और दो मिनिट चीनी पक जाये तब उसमे नीबू का रस और घुला हुआ कॉर्नफ्लोवर मिलायें।
अब आँच धीमी करें और सभी तरफ से चलाते रहे ,चिपकना नहीं चाहिए पूरा पक जाये और कुछ ट्रांसपेरेंट सा लगने लगे तो एक एक चम्मच करके घी ड़ालते जाये और चलाते रहें।
रंग भी डाल लें और चलाते रहें ,इस समय जितना ज्यादा पकाते है उतना खिंचने वाला होता जाता है।
घी पूरी तरह मिल जाये और जम जायेगा लगे तभी घी लगी थाली में पलट लें।
ठंडा होने पर काट कर खाये।

पुडिंग बनाने के लिए एक सिरेमिक मोल्ड में कटे फल लें और उसके ऊपर हलुआ जमायें और थोड़ी सी क्रीम के साथ परोसें।



Thursday, 15 February 2018

दही की सब्जी या दही से बनने वाली सब्जियां (A vegetable side dish)

दही बहुत ही कमाल की चीज है, लेक्टोबेसिलस ,जामन को थोड़ा सा  गरम दूध 30℃ करीब पर एक घन्टे में बन जाता है। दही खाने के अनगिनत फ़ायदे है और अनगिनत चीजें बनाने में भी दही उपयोग होता है।
दही की तासीर ठंडी मानी जाती है, इस लिए ठंडे इलाकों में दही का रायता ठंडा नहीं परोसते होंगे!! राबी पीने का चलन राजिस्थान में , यू पी में छौक लगा कर और उत्तराखंड में भी कुक्ड रायता परोसने का रिवाज़ है।
इसी क्रम में दही की ग्रेवी भी बनती है ।
1 - किसी भी सब्जी में ग्रेवी को थोड़ी खटास, स्वाद और उसको थिक करने के लिए इस्तेमाल करना।
2 - पूरी ग्रेवी ही दही से बनाना  1 - कश्मीर में दही ही ग्रेवी वाली सब्जियां और नॉन वेज ख़ास है - जिसे यखनी कहते है।  2 - थोड़े पतले दही से बनी ग्रेवी जिन्हें यू पी में दही के आलू या अरबी ,कहते है।
3 - दही में बेसन मिला कर कढ़ी ,बनाने या पकाने का भी बहुत चलन है।

आज में अपनी बहुत पसन्द वाली दही के आलू की रेसिपी लिख रही हूँ ,माँ के हाथ जैसी तो नहीं बनती पर तरीका सही से बताती हूँ!!!

दही के आलू

4 उबले आलू
1 कप दही
1 चम्मच जीरा
1 चुटकी हींग
नमक , लाल मिर्च पाउडर स्वादानुसार
1 चम्मच तेल या घी
हरा धनिया कटा हुआ

घी गरम करें , सब्जी बनाने के लिए थोड़ा भारी तले का बर्तन लें।
जीरा और हींग तड़काये और उबले ,छिले और कटे आलू डालें।
एक मिनिट भूनें ।
दही को अच्छी तरह फैंट लें , लम्स होने से दही एक सा नहीं पकता।
आँच से हटा लें और सारा दही डाल दें।
धीमी आँच पर बापस चढ़ाये और उबाल आने तक चलाते रहें।
नमक और लाल मिर्च पाउडर मिलायें।
ऊपर से हर धनिया और गरम मसाला डाल कर परोसें।

हर व्रत में मम्मी ये सेंधे नमक के साथ बनाती थी, हम भाई बहन लड़ाई करके खाते थे।

Sunday, 11 February 2018

खीस ( tradishnal cheese pudding )

खीस , वो दूध होता है जो गाय या भैंस बछड़े को जन्म देने के बाद चार या पांच दिन तक देती है। इसमें रीनल और अन्य एंजाइम मिले होते है जो बच्चे के लिए लाभकारी होता है।गाय और भैंस तीस किलो तक दूध देती है जिसमें से बच्चा थोड़ा ही इस्तेमाल करता है।
इस दूध को थोड़ा पकाने से बहुत स्वादिष्ट पुडिंग बनती है।
आज के ज़माने में लोग पैकिट में दूध लेते है, जो नहीं भी लेते उनको भी खीस नहीं मिलता। जो लोग गाय भैंस पालते है वो भी बाजार से बच्चे वाली ही ख़रीदते है और दूध कम हो जाने पर बेच देते है।

बनाने का तरीका साधारण है , जानकारी के लिए ,लिखना जरुरी लगा।

खीस
1 किलो दूध (खीस)
3 चम्मच चीनी या गुड़
2 चम्मच दूध
1 चम्मच घी
दो फैले बर्तन जो एक के अंदर एक आ सके।

दो चम्मच दूध में चीनी या गुड़ जो भी लें उसको गरम करके मिलायें।
इसको पुरे खीस में मिला लें।
बड़े बर्तन को धीमी आँच पर पानी या रेत (थोड़ी सी) डाल कर चढ़ाये।गरम होने पर इसके अन्दर दूसरे बर्तन में दूध खीस को पकाना हैं।अब अंगीठी या कोयले की आँच की जगह ओवन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दूसरे बर्तन में अन्दर घी चुपड़ दें और उसमे खीस चीनी मिला पलट  दें और धीरे से गरम की रेत पर टीका दें।आधा घण्टे या चालीस मिनिट में जम जाता है।
कोई लोग धीमी आँच करके बहुत ज्यादा समय के लिए रख देते है।ज्यादा देर पकने से नरम नहीं रहता है।
ठंडा होने पर काट कर खाये खिलायें।

दूसरा तरीका- - - -
 खीस को ऐसे ही चीनी मिला कर उबालने से भी रस में छेने जैसा बढ़िया खीस तैयार हो जाता है।

Friday, 2 February 2018

माइक्रोवेव ओवन के प्रकार और उनका इस्तेमाल# सावधानी से बड़िया कुकिग# केक बनाना# पिज्जा बनाना # बेकिग #कुकिग #ग्रिल #

माइक्रोवेव में इलेक्ट्रो मेग्नेटिक तरंगों से खाना गरम किया या पकाया जाता है।खाना गोल घूमता है और उसको तरंगों के टकराव से गर्मी पैदा होती है और चीज़ गरम या पक जाती है ,इसी लिए ओवन गरम नहीं होता खाना तेज गरम हो जाता है ।
तीन तरह के माइक्रोवेव आने लगे है।
1 - पहले जो सादे है  - इसमें ज्यादातर लोग सिर्फ खाना गरम करते है।
खाना भी आराम से पकाया जा सकता है
तरल (liquid) बहुत ही जल्दी गरम होता है , जो स्टीम करके बनने वाली चीजें दस मिनिट लेती है इसमें पांच मिनिट में हो जाती है।
जिन चीज़ो को दो मिनिट से ज्यादा रखना हो दो बातों का ध्यान रखें -
1 - ढक कर पकाये
2 -  तीन मिनिट से ज्यादा का टाइमर एक बार में न लगाये, केक 6 मिनिट में पकता है (कम मात्रा में) । पहले तीन फिर तीन , बंद होने के बाद दुबारा चलाये।
ये पकने का तरीका ऐसा है जिसमें पानी बहुत जल्दी गरम होता है ,सब उड़ जायेगा और खाने की चीज़ जली या चम् चोचड़ी हो जायेगी।
इस सेटिंग में प्लास्टिक के ही बर्तन का इस्तेमाल करें ,माइक्रोवेव के लिए ख़ास आते है।


दूसरे तरह के माइक्रोवेव में इस सुविधा के साथ ग्रिल भी है ।
इसी तरह इस्तेमाल करें जब पिज्जा बनाना हो तो या ख़ाली चीज़ ऊपर से गरम करनी या सेकनी हो,तो ग्रिल का इस्तेमाल करें।
ग्रिल पर नॉब करें।
समय का टाइमर देखें।
जाली स्टेण्ड पर डिश में सामान रखे।
बेस पहले से बने हो तो दो मिनिट में पिज्जा तैयार।
पांच मिनिट में  बैंगन भुन जाते है।
दो मिनिट में कैरेमल कस्टर्ड।
इस सेटिंग में प्लास्टिक का बर्तन बिलकुल न रखें ,तेज आँच में ख़राब हो जायेगा मेटल वाला ठीक है।


तीसरे तरह के में एक और सेटिंग होती है कन्वेक्शन।
ये सादे ओवन जैसे काम करता है।
इसमें तापमान 100℃ बिस्कुट आदि के लिए
180 ℃ केक आदि के लिए
तेज 200 - 250 ब्रेड और पफ आदि के लिए
पहले सेटिंग नॉब बदलें , तापमान सेट करें ,इसको ओवन की ही तरह प्रीहीट करें ।
तापमान आ जाये ,बीप के साथ बंद हो जाय , तभी समय के लिए टाइमर सेट करें , इसके बाद बेक करने रखें।

इस सेटिंग में भी काँच की घूमने वाली प्लेट के ऊपर ऊपर उठाने वाली जाली और उस पर केक मोल्ड रखना है।

मैं अपनी सभी रेसिपी में माइक्रोवेव में बनाने की बिधी भी लिखती हूँ।

एक और बहुत महत्वपूर्ण बात है ग्रिल या कन्वेक्शन की सेटिंग में ऊपर बनी जाली को खुला रखें वही तेज़ टेम्प्रेचर होगा ,कपड़े आदि में आग लग सकती है।





Thursday, 1 February 2018

गु ल कन्द गुलकन्द बनाने की विघी हिन्दी में

गुलकन्द बनाने से पहले गुलाब के बारे में कुछ बात करती हूँ। लाल रंग  के तेज़ खुशबू वाले ,एक साथ बीस तीस फूल खिले हुए, बड़े बड़े झाड़ हर आँगन में लगे रहते थे, घर के मंदिर में रोज़ फूल बदले जाते थे ।आज भी इनका इस्तेमाल वही है ,अन्तर ये है कि छोटे घरों में गुलाब के हाइब्रिड पौधे लगाते है ,जो बहुत सुन्दर होते है ,फूल कम संख्या में उगते है।
गुलाब की पत्ती का स्वाद और खुशबु दोनों ही इतने पसन्द किये जाते है , ताजे गुलाब भी खाने में उपयोग होने लगे है। गुलाब से सजे केक और पत्ते डाले हुए डिश आम बात है।
गुलाब जल , गुलाब का शरबत, गुलकंद और इत्र का बनाना घर में या इसका व्यवसाय सब प्रचलित है।
गुलाब की पत्ती को सुखा कर रख लें तो भी खुशबू नहीं जाती है।
गुलकंद बनाने की विधी

एक कप गुलाब की पत्ती
4 चम्मच चीनी
एक चम्मच शहद

तीनो चीज़ो को हाथ से मिलायें पत्तियों से रस थोड़ा चीनी में मिल जाये और पत्ते बिलकुल पिसे नहीं।
इसको तुरन्त उपयोग करना हो तो धीमी आँच पर चीनी घुल जाने तक पकाये।
धूप के शीशी में कर के रखें ,एक हफ्ते में या तस दिन में बनने लगता है।
गुलकंद में मन पसन्द सौंफ, इलायची और नारियल मिला कर भी खिलाया जा सकता है।
अचार बनाने वाली सावधानी भी जरुरी है , पत्तो को धो कर कपडे पर सुखाये, पानी से ख़राब हो जायेगा।