अलका माथुर ,एक ब्लॉगर, एक लेखक,एक शेफ़ है। जो अपनी ही बनाई और लिखित ,लेख और अपनी ही फोटोस डालती हैं।
Wednesday, 28 December 2016
Thursday, 22 December 2016
तिल की चिक्की और तिल की मिठाई
तिल की ताहसीर गर्म होती है ठंड के दिनों में इसका उपयोग बहुत अच्छा है ।रेवड़ी,गज़क और तिल से बनने वाली तिल कूट और तिल बुग्गा सब प्रकार से तिल खाना अच्छा लगता है।
मेरठ और ग्वालियर की गज़क खास तौर से बहुत मश्हूर होती है।
चीनी और गुड़ को अलग तापमान तक पकायें तो उनकी अलग ही गुण और स्वाद और रूप उजागर होता है।हर मिठाई को बनाते समय इसी तापमान तक चीनी को पंहुचाना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है।
आम भाषा में हम इसको एक तार, दो तार, तिन तार की चाशनी कहते है।
सोन पापड़ी और गज़क दोनों के लिए 4 तार की चाशनी बनाते है और उसको जमने के पहले भुने तिल मिला कर खीचा जाता है और बहुत ही करारी गज़क तैयार की जाती है।
इसको बनाने वाले बहुत मेहनती और कुशल कारीगर होते है।कई घंटे की मेहनत के बाद ट्रे में जमाया जाता है।
बहुत प्रकार की गज़क और लड्डू बनते है,मुट्ठी की गजक में काजू और पिस्ते दाल कर गोल आकर में बनाई जाती है।
तिल कूट
100 ग्राम तिल (धोया और सुखाया हुआ )
100 ग्राम गुड़
1 चम्मच घी
घी में तिल को भूनें ,धीमी आंच पर।
गुड़ के साथ कूट लें।
ऐसे ही चूर संकट चतुर्थी के व्रत के लिए बनाया जाता है।
तिल के लड्डू
तिल बुग्गा
100 ग्राम खोए
100 ग्राम तिल
400 ग्राम बूरा या पिसी चीनी
1 चम्मच घी
घी गरम करें और तिल को भूनें ,धीमी आँच पर।
फोड़ कर खोये को तिल में डाले और दस मिनिट तक भूनने दें।
बूरा मिलायें और आँच से उतार लें ,ठंडा होने तक चलाते रहें।
धीमें हाथ से छोटे लड्डू बनाये और परोसें।
जाड़े के मौसम में पेड़े का यही रूप बहुत पसंद आता है।
मेरठ और ग्वालियर की गज़क खास तौर से बहुत मश्हूर होती है।
चीनी और गुड़ को अलग तापमान तक पकायें तो उनकी अलग ही गुण और स्वाद और रूप उजागर होता है।हर मिठाई को बनाते समय इसी तापमान तक चीनी को पंहुचाना ही सबसे महत्वपूर्ण होता है।
आम भाषा में हम इसको एक तार, दो तार, तिन तार की चाशनी कहते है।
सोन पापड़ी और गज़क दोनों के लिए 4 तार की चाशनी बनाते है और उसको जमने के पहले भुने तिल मिला कर खीचा जाता है और बहुत ही करारी गज़क तैयार की जाती है।
इसको बनाने वाले बहुत मेहनती और कुशल कारीगर होते है।कई घंटे की मेहनत के बाद ट्रे में जमाया जाता है।
बहुत प्रकार की गज़क और लड्डू बनते है,मुट्ठी की गजक में काजू और पिस्ते दाल कर गोल आकर में बनाई जाती है।
तिल कूट
100 ग्राम तिल (धोया और सुखाया हुआ )
100 ग्राम गुड़
1 चम्मच घी
घी में तिल को भूनें ,धीमी आंच पर।
गुड़ के साथ कूट लें।
ऐसे ही चूर संकट चतुर्थी के व्रत के लिए बनाया जाता है।
तिल के लड्डू
तिल बुग्गा
100 ग्राम खोए
100 ग्राम तिल
400 ग्राम बूरा या पिसी चीनी
1 चम्मच घी
घी गरम करें और तिल को भूनें ,धीमी आँच पर।
फोड़ कर खोये को तिल में डाले और दस मिनिट तक भूनने दें।
बूरा मिलायें और आँच से उतार लें ,ठंडा होने तक चलाते रहें।
धीमें हाथ से छोटे लड्डू बनाये और परोसें।
जाड़े के मौसम में पेड़े का यही रूप बहुत पसंद आता है।
Monday, 12 December 2016
वेज मंचूरियन बॉल्स (चाइनीज हमारे अंदाज में )
वेज मंचूरियन
2 कप कसी हुई सब्जियां (1 शिमला,पत्ता गोभी,गाजर,फूल गोभी )
2 चम्मच सूजी
2 चम्मच कॉर्नफ्लोवर
नमक और अजीनोमोटो स्वाद अनुसार
तलने के लिए तेल
गार्लिक सॉस के लिए
3 बारीक़ कटा प्याज
1 बड़ा लहसुन (छिला और बारीक़ कटा हुआ )
1हरी मिर्च
2 चम्मच सोया सॉस
2 चम्मच टमाटर सॉस
1 चम्मच ओलिव आयल या तिल या कोई भी तेल
सभी सब्जियों में सूजी और कॉर्नफ्लोवर मिलायें।
इसमें नमक और अजीनोमोटो मिलायें और बॉल्स बनाये,अगर गिला लगे तो थोड़ा मैदा और मिला लें।
तेल को तेज गरम करें और सब बॉल्स को सुनहरा तल लें।
सौस के लिए
तेल गरम करें और उसमें प्याज ,लहसुन और मिर्च को सेक लें।
गल जाने पर उसमें एक कप पानी डालें।
दोनों सौस और कॉर्नफ्लोवर को मिला लें और उबलते प्याज वाले पानी में मिलायें।
जब लहसुन वाली सौस उबल जाये तली हुई बॉल्स को भी डालें ,गीला या सूखा
जैसा चाहें मंचूरियन बॉल्स लहसुन वाली सौस में गरम गरम परोसें।
2 कप कसी हुई सब्जियां (1 शिमला,पत्ता गोभी,गाजर,फूल गोभी )
2 चम्मच सूजी
2 चम्मच कॉर्नफ्लोवर
नमक और अजीनोमोटो स्वाद अनुसार
तलने के लिए तेल
गार्लिक सॉस के लिए
3 बारीक़ कटा प्याज
1 बड़ा लहसुन (छिला और बारीक़ कटा हुआ )
1हरी मिर्च
2 चम्मच सोया सॉस
2 चम्मच टमाटर सॉस
1 चम्मच ओलिव आयल या तिल या कोई भी तेल
सभी सब्जियों में सूजी और कॉर्नफ्लोवर मिलायें।
इसमें नमक और अजीनोमोटो मिलायें और बॉल्स बनाये,अगर गिला लगे तो थोड़ा मैदा और मिला लें।
तेल को तेज गरम करें और सब बॉल्स को सुनहरा तल लें।
सौस के लिए
तेल गरम करें और उसमें प्याज ,लहसुन और मिर्च को सेक लें।
गल जाने पर उसमें एक कप पानी डालें।
दोनों सौस और कॉर्नफ्लोवर को मिला लें और उबलते प्याज वाले पानी में मिलायें।
जब लहसुन वाली सौस उबल जाये तली हुई बॉल्स को भी डालें ,गीला या सूखा
जैसा चाहें मंचूरियन बॉल्स लहसुन वाली सौस में गरम गरम परोसें।
Sunday, 11 December 2016
हरा धनिया (सूप और चटनी)
मौसम में जब बहुत बढ़िया हरा धनिया आये ,बिलकुल ताज़ा हो तभी सारा धनिया साफ करें काटें और पत्ते वाला हिस्सा धो कर कपड़े पर फैला दें।इसको प्लास्टिक डिब्बे में फ्रीज़र में रख लें, जब चाहें निकलें और उपयोग करें।
मोटे तने को भी बेकार मत समझिये,इससे चटनी,सूप और ढेर सारी रिफ्रेशिंग ड्रिंक्स तैयार हो जायेगी।
चटनी -
1 - धनिया,मिर्च ,अदरक ,टमाटर ,जीरा और नमक
अगर कम खट्टी चटनी चाहिए तो।
2 - धनिया,लहसुन(अधिक मात्रा) ,निम्बू का रस ,नमक,और मिर्च
3 - धनिया,भुनी प्याज,मुंगफली,हरी मिर्च ,नमक और अदरक या लहसुन
इसी तरह मौके और पसंद के अनुसार सामिग्री लें और मिक्सि में चटनी पीस लें।
चटनी का उपयोग नाश्ते और खाने के साथ करें।
चटनी तैयार हो तो -1 - झट से सेंडविच तैयार हो जाते है।
2- आटे में मल लें रोटी ,पराठा बना लें।
3 - उबला आलू,मछली ,चिकिन या पनीर को लपेट के बेक कर लें बढ़िया डिश तैयार।
4 - आटे में चटनी और थोड़ा तेलऔर अजवाईन भी मल लें और पतली कुरकुरा तवे पर दबा दबा कर सेक लें। वाह क्या मज़ेदार करारे खाँखरा तैयार।
5 - चटनी वाली ग्रेवी की सब्जियों तो बहुत ही खास लगती है।
6 - थाई करी की रेसिपी में भी काम में लें।
मोटे तने को भी बेकार मत समझिये,इससे चटनी,सूप और ढेर सारी रिफ्रेशिंग ड्रिंक्स तैयार हो जायेगी।
चटनी -
1 - धनिया,मिर्च ,अदरक ,टमाटर ,जीरा और नमक
अगर कम खट्टी चटनी चाहिए तो।
2 - धनिया,लहसुन(अधिक मात्रा) ,निम्बू का रस ,नमक,और मिर्च
3 - धनिया,भुनी प्याज,मुंगफली,हरी मिर्च ,नमक और अदरक या लहसुन
इसी तरह मौके और पसंद के अनुसार सामिग्री लें और मिक्सि में चटनी पीस लें।
चटनी का उपयोग नाश्ते और खाने के साथ करें।
चटनी तैयार हो तो -1 - झट से सेंडविच तैयार हो जाते है।
2- आटे में मल लें रोटी ,पराठा बना लें।
3 - उबला आलू,मछली ,चिकिन या पनीर को लपेट के बेक कर लें बढ़िया डिश तैयार।
4 - आटे में चटनी और थोड़ा तेलऔर अजवाईन भी मल लें और पतली कुरकुरा तवे पर दबा दबा कर सेक लें। वाह क्या मज़ेदार करारे खाँखरा तैयार।
5 - चटनी वाली ग्रेवी की सब्जियों तो बहुत ही खास लगती है।
6 - थाई करी की रेसिपी में भी काम में लें।
लेमन और कॉरियांदेर सूप तो बहुत ही पसंद किया जाता है।
धनिया और निम्बू का सूप
घनिया की डंडी तना, एक निम्बू का छिलका को उबाल लें।
क्लियर सूप बनाने के लिए सिर्फ नमक अजिनोमोट मिलायें और गरम परोसें।
थिक सूप के लिए 3 कप सूप बनाना हो तो 1 चम्मच कॉर्न फ्लौर घोल कर उबलते सूप में मिलायें और गाढ़ा हो जाये तो पसंद अनुसार नमक ,अज़िमोमोटो और काली मिर्च मिलायें।गरम गरम सूप को,एक पतले से नीबू के स्लाइस के साथ सजा कर परोसें।
Friday, 9 December 2016
गाजर का हलुआ और पुडिंग
गाजर का हलुआ बहुत ज्यादा पसंद किया जाने वाली और ज्यादा बनने वाली मिठाई है।बाजार में गाजर आनी शुरू होते ही घर घर गाजर का हलुआ बना कर रख लिया जाता है।
फ्रीज़र में रख लें तो सारे साल चलता है।डब्बे में रख लें और जरुरत पड़ने पर गरम करके खा सकते है।
एक साधारण सी विधी लिख रही हूँ इसको बनाने की और कई नए तरीके इसको परोसने के !
गाजर का हलुआ
1 किलोग्राम गाजर
1 लीटर दूध (फुल क्रीम)
3/4 कप चीनी
मेवा इच्छा अनुसार काजू और बादाम डालें
1/2 चम्मच इलायची पाउडर
8 लोगो के लिए
1 घंटा बनाने में लगेगा
गाजर को साफ पानी से धो लें और छील कर कस लें।
दूध को मोटे पेंदे वाले बर्तन में उबलने रखें।
उबाल आने पर धीमी आंच करें और गाजर को दूध के साथ ही पकने रख दें।
घीमी घीमी आंच पर पानी उड़ जाने तक पकने दीजिए।30 मिनिट लगभग ,बीच में चलाते भी रहिए ।
पानी उड़ जाने पर चीनी डाले ।लगातार चलाते हुए भूने वर्ना निचे जलने लगेगा।
इसमें ही घी सा बन जाता है ,चाहें तो और डाले और भूनें।
मेवा और इलायची पाउडर मिलायें और गरम गरम परोसें।
फ्रीज़र में रख लें तो सारे साल चलता है।डब्बे में रख लें और जरुरत पड़ने पर गरम करके खा सकते है।
एक साधारण सी विधी लिख रही हूँ इसको बनाने की और कई नए तरीके इसको परोसने के !
गाजर का हलुआ
1 किलोग्राम गाजर
1 लीटर दूध (फुल क्रीम)
3/4 कप चीनी
मेवा इच्छा अनुसार काजू और बादाम डालें
1/2 चम्मच इलायची पाउडर
8 लोगो के लिए
1 घंटा बनाने में लगेगा
गाजर को साफ पानी से धो लें और छील कर कस लें।
दूध को मोटे पेंदे वाले बर्तन में उबलने रखें।
उबाल आने पर धीमी आंच करें और गाजर को दूध के साथ ही पकने रख दें।
घीमी घीमी आंच पर पानी उड़ जाने तक पकने दीजिए।30 मिनिट लगभग ,बीच में चलाते भी रहिए ।
पानी उड़ जाने पर चीनी डाले ।लगातार चलाते हुए भूने वर्ना निचे जलने लगेगा।
इसमें ही घी सा बन जाता है ,चाहें तो और डाले और भूनें।
मेवा और इलायची पाउडर मिलायें और गरम गरम परोसें।
अगर नये तरीक़े से परोसना चाहें तो इन्हें अपनायें।
1 - गरम हलुए के साथ एक आइसक्रीम स्कूप वनीला भी परोसें।
2 - चॉकलेट की कटोरी में चॉकलेट सौस के साथ परोसें।
3 - जब आधा बना हो निकाल लें ,मेवा और इलायची मिलायें और गाजर की खीर परोसें ,बहुत बढ़िया लगेगी।
Monday, 5 December 2016
आँखे (कविता)
आँखे
आँखों से क्या
फसाना
कोंख के अंधेरे से
जन्मे दो नयन तारा
आँखों से लुभाता
गोदी में आने को न्योता
मासूमियत के बोल
शैतानी का खुलासा
जवानी की चंचलता
उत्तेजना का खामियाजा
बंदिशों के अंगार
आँखों से बयाँ उम्र की नज़ाकत
चालीस पहुँचता धुंधला आसपास
प्रत्यक्षअप्रत्यक्ष देखती आँखे
हम देखें
जो मन को भाये
मन की भी प्रबल आँखे
जिन के पास सिर्फ मन की आँखे
वो देखें दुर्लभ बातें
जो हम अनदेखा कर जाये
थक कर सोये जब इंसान
जहाँन तकती फिर भी खुली आँखे
कुछ बची कसक बाकि
कुछ अंधूरे से अरमान।
----/--/--/--/
अलका माथुर
आँखों से क्या
फसाना
कोंख के अंधेरे से
जन्मे दो नयन तारा
आँखों से लुभाता
गोदी में आने को न्योता
मासूमियत के बोल
शैतानी का खुलासा
जवानी की चंचलता
उत्तेजना का खामियाजा
बंदिशों के अंगार
आँखों से बयाँ उम्र की नज़ाकत
चालीस पहुँचता धुंधला आसपास
प्रत्यक्षअप्रत्यक्ष देखती आँखे
हम देखें
जो मन को भाये
मन की भी प्रबल आँखे
जिन के पास सिर्फ मन की आँखे
वो देखें दुर्लभ बातें
जो हम अनदेखा कर जाये
थक कर सोये जब इंसान
जहाँन तकती फिर भी खुली आँखे
कुछ बची कसक बाकि
कुछ अंधूरे से अरमान।
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अलका माथुर
मिश्टि दोई और ख़जूर के गुड़ में बना रस गुल्ला
बंगाल में मिश्टि दोई ख़जूर के गुड़ से बनी मिठाइयां काफी पसंद की जाती है, जिसका मतलब मीठे दही से है।ये सादे दही से बहुत गाड़ा और मीठा होता है।दूध को मीठा करने के लिए चीनी से ज्यादा सादा गुड़ या ख़जूर का गुड़ इस्तेमाल किया जाता है।
एक बंगाली आंटी बहुत ही अच्छा मिश्टि दोई बनाती थी। उन्होंने कभी सिखाया नहीं,बहुत बार कोशिश के बाद कुछ उनसे मिलता स्वाद मिला है।आपके साथ बाँट रही हूँ।
मिश्टि दोई
1 लिटर दूध
1 कप दूध पाउडर
1/2कप गुड़
1/2 कप दही का जामन (दही)
3 धण्टे जमने में और 1 धण्टे बनाने में
4 कटोरी बनेगा
दूध को गैस पर उबालें और आंच धीमी करके 15 मिनिट पकने दें।
दूध पाउडर को थोड़ा थोड़ा करके मिलायें और पकने दें।
और 5 मिनिट पकने दें।
आंच से हटा लें और गुड़ को थोड़ी देर तक चलाते रहने के बाद मिलायें।
जब गुड़ धुल जाये ,तभी दही मिलायें और दूध को दो भगोनो में उलट पलट कर मिलने और ठंडा होने दें।
ये अब भी 35 से 40 ℃तापमान पर रहे ।इसको मटकियों में जमायें ,उसी में परोसें भी।
एक बंगाली आंटी बहुत ही अच्छा मिश्टि दोई बनाती थी। उन्होंने कभी सिखाया नहीं,बहुत बार कोशिश के बाद कुछ उनसे मिलता स्वाद मिला है।आपके साथ बाँट रही हूँ।
मिश्टि दोई
1 लिटर दूध
1 कप दूध पाउडर
1/2कप गुड़
1/2 कप दही का जामन (दही)
3 धण्टे जमने में और 1 धण्टे बनाने में
4 कटोरी बनेगा
दूध को गैस पर उबालें और आंच धीमी करके 15 मिनिट पकने दें।
दूध पाउडर को थोड़ा थोड़ा करके मिलायें और पकने दें।
और 5 मिनिट पकने दें।
आंच से हटा लें और गुड़ को थोड़ी देर तक चलाते रहने के बाद मिलायें।
जब गुड़ धुल जाये ,तभी दही मिलायें और दूध को दो भगोनो में उलट पलट कर मिलने और ठंडा होने दें।
ये अब भी 35 से 40 ℃तापमान पर रहे ।इसको मटकियों में जमायें ,उसी में परोसें भी।
अगर डली वाला गुड़ इस्तेमाल करें तो एक चम्मच पानी में गरम कर लें तब मिलायें।
Sunday, 4 December 2016
प्रोटीन उत्तपम (साऊथ इंडियन)
प्रोटीन उत्तपम
1 कप चावल आटा
1/2 कप चने का आटा
1 कप बारीक़ कटी सब्जियां
1 चम्मच नमक
1 हरी मिर्च चाहिए तो
सेकने के लिए तेल
8 उत्तपम बनेंगे
30 मिनिट भिगोना है और 15 मिनिट सेकने में लगेंगे।
आटा लें और उसमें नमक और गुनगुना पानी लें डेढ़ कप और घोल बना कर 30 मिनिट के लिए रख दे ।
चिकने तवे पर मोटा चीला जैसे फ़ैलाये और ऊपर से थोड़ी सब्जियां डाले।
धीमी आंच पर अलट पलट कर सेकें।
गरम गरम परोसें।
चने का आटा सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है ।इसकी रोटी भी बहुत अच्छी लगती है और प्रोटीन की जरूरत भी पूरी होती है।
1 कप चावल आटा
1/2 कप चने का आटा
1 कप बारीक़ कटी सब्जियां
1 चम्मच नमक
1 हरी मिर्च चाहिए तो
सेकने के लिए तेल
8 उत्तपम बनेंगे
30 मिनिट भिगोना है और 15 मिनिट सेकने में लगेंगे।
आटा लें और उसमें नमक और गुनगुना पानी लें डेढ़ कप और घोल बना कर 30 मिनिट के लिए रख दे ।
चिकने तवे पर मोटा चीला जैसे फ़ैलाये और ऊपर से थोड़ी सब्जियां डाले।
धीमी आंच पर अलट पलट कर सेकें।
गरम गरम परोसें।
चने का आटा सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है ।इसकी रोटी भी बहुत अच्छी लगती है और प्रोटीन की जरूरत भी पूरी होती है।
कविता (हार )
हार न
हार को प्रहार मत बनाना तुम
मन पर गहरी चोट बुरी है
जब तक कांटा धंसा रहेगा
जहर ज़हन में दबा रहेगा
उतना ही दर्द पाले रहना
जो जीत की जिद जिन्दा रक्खें
हार जीत में ज़रूर बदलेगी
सुधार का रास्ता ख़ोज निकालो
इसी को दवा बना लो तुम
मतभेदो में कैसी हार जीत
बातों में कैसी चक्रव्यूह रचना
अपनों से न हो कोई रंजिश
हो अपना अपना काम भला
प्रयास भला अंजाम भला
------/-----/-----/----------
अलका माथुर
हार को प्रहार मत बनाना तुम
मन पर गहरी चोट बुरी है
जब तक कांटा धंसा रहेगा
जहर ज़हन में दबा रहेगा
उतना ही दर्द पाले रहना
जो जीत की जिद जिन्दा रक्खें
हार जीत में ज़रूर बदलेगी
सुधार का रास्ता ख़ोज निकालो
इसी को दवा बना लो तुम
मतभेदो में कैसी हार जीत
बातों में कैसी चक्रव्यूह रचना
अपनों से न हो कोई रंजिश
हो अपना अपना काम भला
प्रयास भला अंजाम भला
------/-----/-----/----------
अलका माथुर
Saturday, 3 December 2016
ऑरेन्ज पुडिंग
ऑरेन्ज पुडिंग
250 ग्राम पेठा (मिढ़ाई )
100 ग्राम पनीर
1 संतरे का छिलका
5 बून्द नारंगी रंग
9 इंच का चिकनाई लगा बर्तन
पेठा को बारीक़ कस लें।
संतरे के छिलको में से चाकू से रगड़ कर सफ़ेद परत (पिथ) को हटा लें।
पतले लंबे टुकड़े काट लें।
अब एक कढ़ाई में पेठा ,कसा पनीर और छिलका (करीब दो चम्मच)डालें और मिलाते हुए धीमी आंच पर 2 मिनिट भूनें।
रंग मिलायें और एक समान होने तक मिलायें और भूनें।
चिकनाई लगे बर्तन में एक सा फैला दें ।
ठंडा हो जाने पर काटे और चाहें तो चांदी के वरक से सजायें।
डिश में जमा कर एक लेयर फ़्रैश क्रीम की भी लगा लें और भी बढ़िया पुडिंग तैयार हो गई।
250 ग्राम पेठा (मिढ़ाई )
100 ग्राम पनीर
1 संतरे का छिलका
5 बून्द नारंगी रंग
9 इंच का चिकनाई लगा बर्तन
पेठा को बारीक़ कस लें।
संतरे के छिलको में से चाकू से रगड़ कर सफ़ेद परत (पिथ) को हटा लें।
पतले लंबे टुकड़े काट लें।
अब एक कढ़ाई में पेठा ,कसा पनीर और छिलका (करीब दो चम्मच)डालें और मिलाते हुए धीमी आंच पर 2 मिनिट भूनें।
रंग मिलायें और एक समान होने तक मिलायें और भूनें।
चिकनाई लगे बर्तन में एक सा फैला दें ।
ठंडा हो जाने पर काटे और चाहें तो चांदी के वरक से सजायें।
डिश में जमा कर एक लेयर फ़्रैश क्रीम की भी लगा लें और भी बढ़िया पुडिंग तैयार हो गई।
बथुआ (एक साग,एक पुराणिक कथा)
" दुर्योधन की मेवा त्यागी, साग विदुर घर खायो "
ये प्रसंग आपने सुना होगा ,महाभारत में भगवान कृष्ण संधि प्रस्ताव ले कर जाते है तो दुर्योधन के घर भोजन को छोड़ कर विदुर जी की कुटिया में साग खाते है।
ये बथुए के साग की बात कही गई है।
बिजनॉर के पास विदुर कुटी अब भी है और बथुआ जो हर साल लगने वाला झाड़ है ,जिसकी लम्बाई 12 से20 सेंटीमीटर तक होती है।
विदुर कुटी में वही पुराने बथुए के पेड़ नुमा बड़े बड़े बथुए के छाड़ लगे है।वो बारह महीने फलता है ,12 फिट से भी ऊँचे पेड़ है।
वहाँ हमारे परिवार के गुरूजी रहते थे।कभी ये गंगा किनारे था अब गंगाजी बहुत दूर हट गई है।
बथुए को साफ करने के लिए सारी जड़ो को और अगर फूल गए हो उनको भी निकलना होता है,फूलो में अक्सर कीड़े हो जाते है।भगोने में पानी भरें और उसमे साफ किया साग धोएं जिससे साग पर से मिटटी धुल जायेगी और सब निचे बैठ जायेगी।
बथुए का साग - साफ किये बथुए को कुकर में उबालें।
1 चम्मच तेल गरम करें उसमे, उबले साग को हींग ,जीरे और नमक मिर्च डाल कर भूनें।
चाहें तो लहसुन अदरक का भी छौंक दे सकते है।
तेल भी सरसों का हो तो और अच्छा लगता है।
बथुए की रोटी - भुने हुए साग को ही मले हुए आटे में भर कर बथुए की रोटी बनाते है।
उबले बथुए को मिक्सि में या सिल पर पीस लें।पिसे हुए बथुए को दही में मिलाने से बढ़िया बथुए का रायता बन जायेगा।स्वादनुसार नमक ,मिर्च और भुना जीरा मिलायें।
लीजिये तैयार है पौष्टिक रोटी ,रायता और स्वादिष्ट बथुए का साग ।
उबले साग को आटे में मल कर भी हरे रंग की बथुए की पूरी बन सकती है।
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