Saturday, 22 July 2017

सावन की तीज और माथुरों का सिंधारा( खनपुरी बनाने की विधि)

सावन के महीने में तीज का त्यौहार भारत के अलग अलग हिस्सों में अलग तरह से मनाया जाता है।राजिस्थान,उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश में तीज और उससे एक दिन पहले सिंधारा मनाया जाता है।

माथुरों में सिधारा खूब धूमधाम से मनाते है।बेटियों और बहुओं को नए कपड़े,साज श्रृंगार का सामान और ख़ूब मिठाई पकवान भेंट किये जाते है।
झूला डाला जाता है,गीत गाये जाते है और आशीर्वाद के साथ गोदी में सब चीजें दी जाती है।
घेवर,फेनी और खनपुरी विशेष मिठाइयां है इस पूजा की,जिनके साथ कलम दवात जरूर देते है।

खनपुरी मैदा से बनी मीठी कचौड़ी जैसी होती है।मैंने बचपन में अपनी अम्माजी को इसे खजली भी कहते सुना था।गूगल पर देखा - दोनों ही जगह के नाम है,हरियाणा में गाँव है। मुमकिन है नाम उनके ऊपर ही पड़े हो!

50 खनपुरी बनाने के लिए- -

3 कप मैदा
4 बड़े चम्मच घी (मोयन के लिए)
1 चम्मच पिसी चीनी
3 - 4 चम्मच पानी मलने के लिए

भरने  के लिए
आधा कप बेसन
1 बड़ी चम्मच घी
आधा कप चीनी
आधा से कम कप पानी
1 चुटकी इलायची
थोड़ी सी पिसी मेवा

तलने के लिए घी

मैदा में मोयन मिलायें अच्छी तरह से और चीनी मिला कर सख्त आटा मल लें।

बेसन और घी को कढ़ाई में भूनें।
पानी और चीनी को उबाल कर मिलायें और इलायची मिला कर एक उबाल लगा लें।
बेसन भुन जाये तो उसमे चाशनी मिला लें और हलुए की तरह पक जाने दें।
चलाते हुए ठंडा करें।
बेसन में मेवा मिला लें।

खनपुरी को आकर देने के लिए

मैदा के पचास लोई काटें।
हाथ से दबा कर बढ़ाये और थोड़ा सा बेसन बीच में भरें और बंद करें।हल्के हाथ से दबा लें।सब बनाने के बाद या थोड़ी बनाते जाये और तलते जाये।

तलने के लिए घी गरम करें।
तेज़ आँच पर सावधानी से तलें, घी में फरावन निकलने से घी गन्दा हो जायेगा।

बनाये जरूर सब बहुत पसंद से खयेंगे।

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