Monday, 30 October 2017

जुदाई (कविता) # जुड़ाव # प्रेम # अलका माथुर

                जुदाई-

जुदा तुमसे क्या हुए, मायूसी ने इस कदर घेरा!
दिल धड़कता ही नहीं,सांसे चलती रहती वेवजह!!

तुम्हारी हर पसंद  ,मेरी, पसन्द हो, नही हो!
तुम हो मेरी पसंद , इतना यकीन तो करो!!

तकरार के बहाने ,मिलते रहते थे बार बार!
बात करने ,रूढ़ने मनाने की नियत हज़ार!!

झगड़ते देख भी लोगे, बिखरते नहीं देखोगे कभी!
सुकून साथ है अपना,दूर हो न जाना,दूर रह के कभी।

नाराज़गी का सिलसिला,टूटने न पाये कभी भी!
मौत ही जुदाई हो ,न उससे शिकायत न चले बहाना।।

अल्का माथुर
31 - 10 - 2017


Sunday, 29 October 2017

सूजी का उपमा# नाश्ता # बड़िया खिला # स्वादिष्ट # टिफन रेसिपी

क्या अमेज़िंग उपमा था , कहना बिटिया के मुँह से सुन कर ...मैंने भी उस जगह उपमा खाया ।
बचपन में नमकीन हलवा ,जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं था ,वही घर में बनता था।
अजवाईन से छौंक कर भी भुनी सूजी पतली दादी सास को सरल हाजमे के लिए बना कर देती थी,जो उन्हें कभी पसन्द नहीं आई!
सेहत के लिए बढ़िया उपमा ,बहुत सारी सब्जियां डाल कर खिलमा बनाती थी फिरभी इस अमेजिंग उपमा में क्या ख़ास था - - -  - -
आईये वही बताती हूँ आप भी बनाये ये सेहत वाला अमेजिंग वाला उपमा!!!

उपमा -

1 कप सूजी
1 कप मिक्स्ड सब्जियां बारीक़ कटी
1 प्याज बारीक़ कटी (चाहें तो)
1इंच बहुत बारीक़ कटी या कसी अदरक
करी पत्ता और हरी मिर्च

1 चम्मच राई
1 चम्मच उड़द दाल
1चम्मच चना दाल
नमक स्वाद अनुसार
1 चम्मच तेल
1 कप पानी
2 चम्मच नीबू  रस

 एक कढ़ाई चढ़ाइये उसमें सूजी लें और भून लें, हल्की आँच पर,हल्का भूरा होने तक।
निकाल कर अलग रख लें।
कढ़ाई में तेल गरम करें और राई ,करी पत्ता डालें ।इसी समय दोनों दालें डालें।
दाल को सुनहरा सिकने दें, अगर प्याज डालनी है तो प्याज भूनें उसके बाद सब्जियां डालें।
सब्जी और अदरक डालें और ढक कर गल जाने दें।
सूजी नमक और पानी डालें और ढक कर पकने दें।
जब पानी पूरा सोक लें, नीबू का रस मिलायें।
ये अमेजिंग टेस्ट दालों, करी पत्ता और अदरक से मिलता है।
खाये और खिलायें - -

Friday, 27 October 2017

मेथी वाले आलू # विषेण सब्जी # आसान विधी # अलग सा स्वाद #

आलू सभी जगह बहुतायत में उगाया और खूब खाया जाता है।रोज़ किसी न किसी तरह के आलू जरूर ही बनते है।एक बहुत ही जल्दी बनने वाली और बढ़िया स्वाद वाली रेसिपी आपके लिए लाई हूँ !!!
मेथी fenugreek एक बहुत ही लाभकारी और विशेष स्वाद वाली होती है ।पत्ते  - साग बनाने में ,कसूरी मेथी  - मसालों की तरह खुशबू  के लिए और मेथी के बीज या मेथी दाना - मसालों में , छोंक में ,दवाई में और भी बहुत सारे काम में।
मेथी दाना यूँ तो कददू और पचफोडन में छौक की तरह इस्तेमाल होता है। मेथी दाना पीस कर ,थोड़ी सी मात्रा में मिलाने से भी स्वाद बदल जाता है।
साऊथ इंडिया में दाल का टेस्ट इसी से सांबर जैसा लगता है!

इसी मेथी के दानों का असर और मजेदार स्वाद आप आलू में लें।

मेथी वाले आलू-

4 लोगों के लिए 4 आलू लें
पांच मिनिट लगेंगे

4 बड़े आलू
2 चम्मच टमाटर प्यूरी
1/२ चम्मच हल्दी पाउडर
2 हरी मिर्च या सूखी मिर्च
1 चम्मच या स्वादानुसार नमक
1 चम्मच मेथी दाना
1 चम्मच तेल

आलू को छील कर काटे थोड़े बड़े भी काट सकते है।
कुकर में तेल गरम करें, मेथी दाना डालें सिक जाये तब आलू के टुकड़े डालें ,ऊपर से नमक,हल्दी,  हरी मिर्च डाल कर चलायें और प्यूरी मिला कर ,ढक्कन बंद करें।
दो सिटी बजने पर बंद कर दें।समय हो प्रेशर को अपने आप ठंडा हो जाने तक छोड़ दे।
गरम गरम को , पूड़ी या परांठे के साथ खाये।



Wednesday, 25 October 2017

छठ पूजा (व्रत और नियम)# मुशकिल व्रत #

छत्तीसगढ़ में भी सभी तालाबो की सफ़ाई होती है और ज़ोरशोर से तैयारी होती है। छत्तीस घण्टे के व्रत के साथ ही पूजा भी कठोर है।श्रद्धा और विशवास के साथ पूरा परिवार शामिल होता है।
कमर तक पानी में खड़े हो कर डूबते सूरज की पूजा और फिर अगले दिन सूर्य उदय के समय पूजा।
हे छठ माता आप सब पर कृपा करें, लोगों के श्रद्धा और तपस्या स्वीकार हो !!

Monday, 23 October 2017

Chirote#fried sweet snecks #layered fried pastry # Indian pastry dough # easy dish with long shelf life #recipe by Alka Mathur

It is layered fried pastry, though it taste completely different from puffed pastry but the basic is same. Fat is used in different forms to make layers in the dough, which separate at the time of cooking.
Pakartali chirote is an Indian sweet dish mainly popular in maharashtra. Little different variable of it is maid in other parts of India.

Chirote -

To make 20 to 25
Cooking time 30 minutes

Half kg or 4 cups flour
4 tablespoon oil or ghee

2 tablespoon ghee
2 tablespoon flour

Oil for frying

3 cups sugar and one cup water

Preparation is done in three steps.
                          1-
Make dough and create layers

Sieve flour and mix four tablespoon fat , thoroughly.
Add water,very little by little and make manageable dough.
Keep it to rest for two minutes.

Beat ghee and two spoon full flour together, it should not be flowing, if it is then keep the content in fridge or water.
Divide the flour dough into twelve parts.
Roll thin chapati from them.
Make two pairs of six chapati each.
Spread two chapati ,on both put thin layers of beaten fat .
Place other two chapati over them.
Repeating same process, put thin layer of fat and chapati.

From one end fold and roll all chapati together.
Cut roll into desired size ,press with your palm.
When all are made,heat oil or ghee for frying.
Use induction cooker for frying, it maintain even heat and does not evaporate much.
On medium heat deep fry all of them.

Make sugar syrup, in a shallow pen keep sugar and water to boil.
It should be thick to just below the crystallization.
We call it (दो तार की चाशनी),means it stick between your fingers, making strings.
Soak each fried chirote and keep them apart to dry and let the sugar crystallizes.

Sunday, 22 October 2017

पोहा या कांदा पोहा# पसंदिदा नाश्ता #झटपट नाशता # इन्दौर स्पेशल#

पोहा भारत में सबसे ज्यादा बनने वाला ,सस्ता,सबसे लोकप्रिय नाश्ता है।घरों में,ठेलों पे,नाश्ता सेंटर या दुकानों पर रोज़ ही थोक में पोहा बनता है।
धान को भाप में पकाते है और कूट के पोहा बनाया जाता है।सूख जाने पर फटक कर भूसी अलग करते है।पोहा अब मशीनों से बनता है कुछ गाँव के लोग ये मेहनत करते है।
स्वाद हमेशा एक सा बढ़िया मिलना मुश्किल होता है।मैंने एक अम्मा खाना बनाने आई ,उनसे जो टिप्स ली ,उसके हिसाब से - - आलू पोहा या कांदा पोहा बनाने की विधी लिख रही हूँ।
4 लोगों के लिए
दस मिनिट में तैयार हो जाता है

पोहा  - 1 कप
2 प्याज बारीक़ कटे हुए
1 आलू छोटा कटा हुआ
 आधा कप फल्ली दाना
करी पत्ता और हरा धनिया
2 चम्मच नीबू रस
1 चम्मच नमक
1 चम्मच हल्दी
आधा चम्मच राई
2 चम्मच तेल
ऊपर से ड़ालने के लिए भुजिया सेव

फल्ली दाने को कढ़ाई में भून कर निकाले।
पोहा को पानी में धोये और छन्नी में रखा रहने दें।धुलने न पाएं।
जब फरहरा हो जाये इसमें नमक और हल्दी डालें और छन्नी को हिलाते हुए नमक को पूरे पोहे में एक सा मिल जाने दे।
कढ़ाई में से फल्ली अलग रख लें।
तेल डाल कर ,कढ़ाई को दुबारां से आँच पर रखें, गरम होने पर इस में राई और करी पत्ता डालें ,भून जाने पर प्याज डालें और धीमी आँच पर नरम करें आलू को भी साथ में ही डाल कर गल जाने दें।
बहुत बारीक़ कटी गाजर,गोभी और मटर के दाने भी डाल सकते है साथ ही गल जाने दें ।हल्का सा नमक बुरक़े और पानी छीटें ।एकदम सूखा रखने से पोहा मिलाने के बाद और सूखा हो जाता है।
पोहा और ढेर सा कटा हरा धनिया मिलायें।नीबू का रस डालें और ढ़क कर गरम हो जानें दें।
गरम पोहे पर फल्ली दाना और भुजिया सेव डालें और मजे लें।

Wednesday, 18 October 2017

आलू पोस्तो (बंगाली स्टाइल सब्जी)# पोस्त ग्रेवी # रेसिपी अलका माथुर द्वारा

बंगाली एक ख़ास तरह की सब्जी बनाते है,जो मुझे बेहद पसन्द है।इसी तरह के आलू और एक बार तोरई की सब्जी मुझे एक आश्रम के भोज में मिली थी।स्वाद भा गया।
आलू पोस्तो

4 लोगो के लिए 4 बड़े आलू
50 ग्राम पोस्त ( poppy seeds)
5 कली लहसुन
2 हरी मिर्च
1 छोटी चम्मच हल्दी पाउडर
1 चम्मच नमक
1 चम्मच सरसों
1 चम्मच सरसों का तेल

आलू के छोटे टुकड़े छील कर काटे।
पोस्त को गरम पानी में भिगोयें।
दो घंटे भीग जाने के बाद पोस्ट को पीस लें,पानी के साथ बस पेस्ट बन जाये।
सरसों तेल गरम करें ,लहसुन,हरीमिर्च , राई और हल्दी का छौक डालें, आलू डालें ।
नमक डालें और ढक्कन लगायें।
ढक्कन लगा कर आलू गल जाने दें।
तीन चम्मच पोस्त का पेस्ट मिलायें ,चलाते हुए थोड़ी देर भूनें ।
चिपकने लगें तो पानी का छीटा दें।
भुने आलू पोस्तो तैयार है ।
पूरी या चावल के साथ बहुत मज़ेदार लगते है।

किसी भी सब्जी को ख़ास बना देती है ये विधी चित्र में गोभी आलू की सब्जी है।

Thursday, 12 October 2017

अहोई अष्टमी कथा और पूजन (मान्यता)# कहानी # विधी # कथा #माथुरों में पूजा

दिपावली से पहले घर की सफ़ाई की जाती है,ये सिलसिला काफ़ी पुराना है।उस समय जब जंगल से लकड़ी लाते थे और जीव जंतु हर जगह होते थे,तो घर को लीपने पोतने के बाद अष्टमी से ही दीवाली के लिए देवी देवताओं के चित्र गोबर पुती दिवार पर बनाने लगते थे।जो आज कल हम लोग कागज़ पर बनाते है या प्रिन्ट ख़रीद कर ले आते है।

सात शुभ माना जाता है ,चित्र में भी सात चीजें दिखेंगी - सात कलश ,सात राम नाम आदि।

अहोई या अनहोनी का डर जितना पहले था आज भी है!! पहले सभी लड़के युद्ध में ,व्यापार में लगे रहते व लड़कियां जंगल से लकड़ी ,फल आदि लाने में।
डर का सम्बन्ध सफ़ाई में मारे जाने वाले जिव जंतु के प्रति अपराध बोध से भी होता होगा।
ऐसा मुझे लगता है,इसी कारण से परिवार की सुरक्षा के लिए ,महिलायें करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का निर्जल व्रत रखती है ।

कथा -
एक साहूकार का पुत्र बहुत शरारती था।जितने भी जानवर उसको दिखते वह उनको बिना कारण मार दिया करता था।वो हमेशा सभी भाइयों में छोटा था ,उसको घर में प्यार के कारण कोई डांटता नहीं था और काम भी नहीं बताता था।
बड़े होने पर ,बाकी भाइयों की तरह उसका भी विवाह हो गया।उसकी पत्नी मेहनती व पूजा पाठ वाली थी।सत्या घर का सभी काम करती और गाय और बछड़ो का ख़याल रखती।सभी उससे खुश रहते थे।
सत्या की खुशियां अधिक समय नहीं चली ,उसके बच्चे नहीं जीते थे।वह अपनी गाय से बाते करती और दुःख बंटती थी,गाय भी उसकी सेवा से बहुत खुश थी व सत्या की बछड़े की सेवा से भी खुश थी।
गऊ माता ने उसको कहा तुम अष्टमी को अहोई माता से अपने बच्चों की जिंदगी मांगो।
सत्या मेहनत करती थी लेकिन क्यों की उसका पति कमाता नहीं था और उसने पुत्र नहीं दिया था,उसको सभी हिन् भावना से देखने लगे।
काम का उस पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा ,गाय उसकी मदत करती जब कोई नहीं देखता वह पूरी रसोई जादू से तैयार करती,दूध अपने आप बर्तनों में भरा रहता और भी घर के काम भी जादू से हो जाते थे।
गऊ माता की इतनी मदत से भी सत्या खुश नहीं रहती थी ,कारण उसको संतान सुख नहीं था ।गाय ने उसको अहोई माता की पूजा करने और क्षमां मांगने को कहा!
उसने अहोई अष्टमी का निर्जल व्रत रखा और उनकी पूजा की ,साल भर में उसके घर धन ,पुत्र और सुख ,शांति सब आ गए।
जैसा उसको अहोई माता ने आशीर्वाद दिया ,सबको मिले और सभी खुश रह सकें।

Tuesday, 10 October 2017

तीखा कटी मिर्च का अचार

पतली और खूब तेज वाली मिर्च का अचार झटपट बन जाता है जिसको रख भी सकते है महीनों ख़राब नहीं होता है।

तीखा कटी मिर्च का अचार

आधा किलो हरी पतली मिर्च
150 ग्राम सरसों तेल
4 चम्मच नमक
1 चम्मच हल्दी
1 चम्मच धनिया पाउडर
1 चम्मच सौंफ पाउडर
10 चम्मच पिसी राई
2 चम्मच अमचूर
थोड़ी सी पिसी मैथी (दाना)
3 नींबू का रस

मिर्चो को धो कर कपड़े पर फैला लें।
पानी बिलकुल लगा न रहें, पौछ भी सकते है।
ताज़ी मिर्च कैंची से बहुत आसानी से कट जाती है,मिर्च के छोटे टुकड़े काटें ।
काँच की साफ बोतल,चौडे मुँह की लें , मिर्च उसमें लें।ध्यान रखे गीले बरनी होगी तो अचार में फफूँद आजायेगी।
पहले अचार में नमक ही मिलाना चाहिए।
बाकी के सब मसाले और नींबू रस और आख़िर में तेल मिलायें।
मिलाने के लिए हर बार बरनी को ही हिलाना अच्छा रहता है।सफ़ाई और सूखा रख सकें तो साफ बर्तन में सुखी चम्मच से सब मिलाने के बाद सुखी बरनी में भरें।
ये अचार उसी दिन से खाना शुरू कर सकते है,ख़त्म हो जाता है,वर्ना साल दो साल भी ख़राब नहीं होगा।

Monday, 9 October 2017

Mixed lentil kalmi vada# कलमी वड़े # वेज स्नेक्स # कुरकुरे गरम स्नेक्स हमेशा तैयार # अलका माथुर स्पेशल

You need to be ready with many ,ready to cook items, which can be served in minutes ,whenever you want.
My favorite is kalmi vada. You can keep them ready in your frozen food list , deep fry them or steam them to heat- - serve hot with chatni or make some sauce heat and serve.

Kalmi vada -

1 cup soaked urad dal
Half cup masur dal
Half cup chana dal
2 green chillies
2 inches ginger
1 teaspoon salt
1 teaspoon jira
Oil for frying
Idli patra for steaming

Soak all lentil for four hours.
Drain out water and with minimum water grind all the lentils.
Make smooth and thick batter, add finely chopped ginger,green chillies, salt, and jira.
Beat and keep it for half an hour to rest.
Steam big idli in greased idli maker.
Let them cooled completely, cut slices of it.
Store them in fridge or deep freezer.

Fry in hot oil before serving.
May use one whole grain or chickpeas for lovely colour and taste.

Thursday, 5 October 2017

करवाचौथ पूजा (कहानियाँ) # कथा पुराने जमाने से प्रचलित # यू पी से # नोर्थ से # व्रत #

पहले जीवन की शिक्षा देने के माध्यम नहीं थे,औरत तो सिर्फ परदे में रह कर कहानियों के ही माध्यम से समझ पाती थी या उदाहरण से!
माँ कहती थी इसीलिए उन्होंने अच्छा खाना खाने के लिए और मन लगाने के लिए, बहुत सारे व्रत और नियम बना लिए ।उनमें सब साथ में मिलने बैठने लगी और किस्से कहानी को सुनने सुनाने लगी।
मेरी अम्माजी तो बीस साल पहले तक धूप और चाँद देख कर सही समय बताती थी।
उदंड लड़कियों को नियम सिखाने के लिए डराना भी जरुरी था।
अम्माजी जो कहानी सुनाती थी वो आपको भी बताती हूँ।
करवाचौथ की कहानी

कहानी - 1

 सात बहनो की अकेली बहन थी,जिसको सभी बहुत प्यार करते थे।बचपन से जवानी तक उसको भाइयों ने ज़रा सी भी तकलीफ नहीं होने दी थी।
बहन की शादी भी खूब धूमधाम से करी,लाड़ प्यार के मारे भाई लोगों ने बहन और जमाई को भी अपने पास ही रख लिया।जमाई कुछ दिन में घर चला गया,करवा नहीं गई।
करवाचौथ का दिन आया बहन ने भी ,भाभियों की तरह निर्जल व्रत रखने का मन बनाया,किंतू सरगई करने को सुबह उठ ही नहीं पाई।कुछ पूजा नहीं करी ,माता गौर रानी का आशीर्वाद नहीं लिया।व्रत शुरू हुआ और उसका भूख़ के मारे बुरा हाल होने लगा।
अपनी बहन को परेशान देख भाई लोग चिंता में पड़ गए,सब चाँद जल्दी निकल आये यही प्रार्थना करने लगे।
बादल छटने पर भी चाँद नहीं दिखा,भाइयों ने एक तरक़ीब निकाली चाँद दिखाने की,  एक भाई ने पेड़ पर दिया जलाया, दूसरे ने उसके आगे छन्नी पकड़ी,कोई पूजा का थाल पकड़ कर बैठा ,तो कोई उसको बुलाने दौड़ा .....चाँद निकल आया ....चाँद निकल आया।
बावली बहन भाभियों से जिद करने लगी,चलो देखो भाई बुला रहे है चाँद दिखने लगा !!
भाभी लोगों को पता था की असली में चाँद नहीं निकला है सो उनमें से एक ने भी पूजा नहीं करी,सिर्फ बहन ने पूजा करी ,बया मनसा और मेहरी दादी को देने लगी ,उन्होंने कहा ,"अपने ससुराल वालों को देना "।
और भी कोई उसका बायना लेने को तैयार नहीं हुआ।
बायना भाई लोगों ने ले लिया और बहन को खाना खाने बिठा दिया ,खाना खाते समय बदशगुन होने लगें... पहले गस्से में ही बाल आ गया ...दूसरे गस्से को मुँह में रक्खा तो छींक से बाहर निकल गया ...और तीसरा गस्सा खाते ही उसके ससुराल से उसके पति की मूर्छित होने की ख़बर आ गई!!
वह समझ गई की उससे घोर अपराध हुआ है,माँ से बिदा लेने लगी ,"माँ मुझसे क्याअपराध हुआ है?"
माँ ने समझाया ,"तूने नासमझी से काम लिया है तुमको अब मायके की सुख सुविधा छोड़ ससुराल के नियम पालने होंगे और उनकी सब विपत्तियों को अपने ऊपर लेना होगा।"
रास्ता कठिन होगा,हम सब तुम्हारे पास नहीं होंगे ,बस, हमारा आशीष ही तुम्हारे साथ जायेगा।तुम्हे रस्ते में तीन गन्दी से कपड़ो में तीन बुढ़िया दिखेंगी उन से घिन नहीं करना ,उनके पैर छूना और उनसे वरदान लेना।नींद,भूँख और आस ये जिसको मिल गई उसको जीवन मिल गया!!!
बहन करवा चल पड़ी अपने ससुराल --- रस्ते में उसको तीनों बुढ़िया मिली जिनसे उसने आशीर्वाद प्राप्त किया।बिना सोयें वो रात दिन चलती रही,जो लड़की व्रत रख कर सब्र नहीं कर पा रही थी उसको कुछ भी भूंख नहीं लग रही थी,आशा और मन में विशवास था की सब ठीक हो जायेगा।
आगे चलने पर उसने देखा की एक देवी शिला गांड रही है सूनसान जगह ,वो दौड़ कर उनके पास गई और उनके पैर पकड़ लिए,आप ये शिला क्यों दफन कर रहीँ है?
"एक लड़की ने अपनी नादानी से अपना परिवार और रिश्ते खो दिए है "
"क्या करने से उसको अपना परिवार और पति वापस मिल सकता है"
वो देवी पार्वती थी उन्होंने कहा," तुम्हे माँ के कहे अनुसार परिवार की सारी मुसीबत अपने ऊपर लेनी होगी, तुम बावली सी बन जाओ ,लोग तुम्हे पागल समझ कर सब काम करने देंगे,हर चौथ को व्रत करना और कार्तिक माह में ही चाँद के दर्शन करना "
जाओ तुम्हें में आशीष देती हूँ तुम अपने पति और परिवार को सुख और समृधि दे सको,सदा सौभाग्यवती रहो।
जिसको माता खुद आशीष दें उसका कोई कैसे कुछ बिगाड़ पायेगा,वो शीघ्र अपने ससुराल पहुँच गई और बावलों की तरह पर्दा भूल कर पति के पास पहुँच गई।सबको हटा दिया और खुद की सब काम करने लगी।साल भर तक पूजा पाठ और सबकी नजर बचा कर सारे घर के काम भी करने लगी।उसका पति भी ठीक था और परिवार में और धन व खुशिया आने लगी।
उसकी नन्द की शादी तय हो गई,करवा अभी भी परिवार के ऊपर आने वाले दुखों से उनको बचाने के लिए बावली बनी रही।
हर काम में पहले खुद सामने आ खड़ी होती पहले मैं...
मेहंदी ,सुहाग सब पहले उसको चढ़ा फिर नन्द को..हर बार हो नन्द को विष और दरवाजा गिरने जैसी धटनाओं से बचाती गई।
बिदा के समय भी बोली मैं साथ जाऊँगी, बावली है सोच कर किसी ने रोका नहीं ,रात को भी नवविवाहित के ही साथ रही ।
सब लोग सो गये ये पहरा देती रही,एक साँप फन फैला कर दूल्हे को डसने आ गया ।उसने एक ही वार में उसको मार दिया और टोकरी के निचे दबा दिया और सो गई ।
सुबह सभी जाग गए ,करवा सोती रही।किसी ने कहा उस बाबली को तो उठाओ।जब उसको उठाने लगे तो उसने कहा मेरे पति और पुरे परिवार और समाज को इकट्ठा करो तब उठूंगी।
जब पति को जगाया गया वो भी उठ बैठा सभी लोग एकत्रित हो गए तो वह उठी और खुशी से बोली,"मैं सबसे माफ़ी माँगती हूँ ,मुझसे बड़ी भूल हो गई थी जिससे आप सब पर कहर बरस रहा था ,इसी लिए अपनी भूल सुधारने और मुसीबतों को अपने ऊपर लेने के लिए मैं बाबली बनी थी इतना कह कर उसने टोकरी हटा कर साँप दिखाया।
सबने उसको अपना लिया और उसके बाद वो अपने पति और परिवार के साथ सुख से रहने लगी।

और पहले गणेशजी की कहानी जरूर सुनाती थी।

करवा,मिट्टी के बर्तन का नाम होता है जिसमे अनाज भर कर रखा जाता है और जिसके बीच में जरूरत पड़ने पर अनाज निकाल जा सके,जगह बनी होती है।इसीलिए उसी तरह का करवा पानी रखने और अर्क देने के लिए लिया जाता है।
सबको आगामी चौथ के लिए बधाई!!

शरद पूर्णिमा और चावल की खीर#फीरनी # पिसे चावल की खीर # झटपट मीढा # यू पी विषेण

शरद ऋतू के संकेत और वर्षा ऋतू के अंत को बताती पूर्णिमा पर चावल की खीर बनाने और उसको चाँदनी में ठंडा करके खाते है।
जब हम लोग बच्चे थे तो छत पर सबका सुई में  धागा ड़ालने का कॉम्पिटिशन होता था।
चाँदनी रात में कवि सम्मेलनों का आयोजन भी होता है। मंदिरों में पूजा अर्चना और ,रास गरबा आदि बहुत धूमधाम से शरद पूर्णिमा मनाने का भारत में प्रचलन देवताओं के समय से है!

खीर बनाना एकदम आसान है बस पता होना चाहिए कितने दूध में कितने चावल।
खीर
1 किलो दूध में
100 ग्राम चावल
100 ग्राम चीनी
आधा कप कटी मेवा
एक चुटकी पिसी इलाइची

चावल धो कर पानी में भिगोयें।
दूध को उबलने दें।
पानी से चावल निकाले और उबलते दूध में डाल लें ,आँच धीमी करके खीर को बीस मिनिट तक पकाये।बीच बीच में चलाते रहें।
आँच से हटाये और चीनी और मेवा मिलायें और इलाइची बुरक कर रख लें।

चाँदिनी शरद पूर्णिमा की रात में खुली खीर ऱखने से इसमें अमृत मिल जाता है।
आप सबको अमृत वाली खीर के साथ शरद पूर्णिमा की बधाई!!

Monday, 2 October 2017

मसूर दाल कटलेट # स्नैक्स # वेज शामी # झटपट रेसिपी # अलका माथुर

त्योहार का मौसम हो मेहमानों का आना जाना लगा ही रहे तो कुछ नया बनाने का भी मन करता ही रहता है।
मसूर की दाल के कटलेट या शामी सबको पसन्द आएंगे ही !!

मसूर दाल के कटलेट

1 कप मसूर दाल (साबुत)
1 बारीक़ कटी प्याज
1 इंच बारीक़ कटी अदरक
1 हरी मिर्च बहुत बारीक़ कटी
1 चुटकी पिसा जायफल
आधा चम्मच गरम मसाला
1 चम्मच नमक
तलने के लिए तेल

मसूर दाल को धो कर भिगो कर रख दें।
भीगी दाल को पांच मिनिट के लिए प्रेशर कुक करें।
पानी से निकाल कर सूखा सूखा पीसे या मसलें।
पिसी दाल में कटी प्याज,अदरक,हरी मिर्च,नमक और मसाला मिलायें।
सब मिला कर छोटे छोटे कटलेट्स बनाये।
तवे पर तेल लगा कर तलें।अगर भरे तेल में तलना चाहते है तो हर कटलेट को सूखे आटे में लपेट कर रखते जाये,फिर तेज आँच पर डालें और कम चलाये,सावधानी से तल लें नहीं टूटेंगे।
मन पसन्द चटनी के साथ लाज़वाब कटलेट परोसें।