शरद ऋतू के संकेत और वर्षा ऋतू के अंत को बताती पूर्णिमा पर चावल की खीर बनाने और उसको चाँदनी में ठंडा करके खाते है।
जब हम लोग बच्चे थे तो छत पर सबका सुई में धागा ड़ालने का कॉम्पिटिशन होता था।
चाँदनी रात में कवि सम्मेलनों का आयोजन भी होता है। मंदिरों में पूजा अर्चना और ,रास गरबा आदि बहुत धूमधाम से शरद पूर्णिमा मनाने का भारत में प्रचलन देवताओं के समय से है!
खीर बनाना एकदम आसान है बस पता होना चाहिए कितने दूध में कितने चावल।
खीर
1 किलो दूध में
100 ग्राम चावल
100 ग्राम चीनी
आधा कप कटी मेवा
एक चुटकी पिसी इलाइची
चावल धो कर पानी में भिगोयें।
दूध को उबलने दें।
पानी से चावल निकाले और उबलते दूध में डाल लें ,आँच धीमी करके खीर को बीस मिनिट तक पकाये।बीच बीच में चलाते रहें।
आँच से हटाये और चीनी और मेवा मिलायें और इलाइची बुरक कर रख लें।
चाँदिनी शरद पूर्णिमा की रात में खुली खीर ऱखने से इसमें अमृत मिल जाता है।
आप सबको अमृत वाली खीर के साथ शरद पूर्णिमा की बधाई!!
जब हम लोग बच्चे थे तो छत पर सबका सुई में धागा ड़ालने का कॉम्पिटिशन होता था।
चाँदनी रात में कवि सम्मेलनों का आयोजन भी होता है। मंदिरों में पूजा अर्चना और ,रास गरबा आदि बहुत धूमधाम से शरद पूर्णिमा मनाने का भारत में प्रचलन देवताओं के समय से है!
खीर बनाना एकदम आसान है बस पता होना चाहिए कितने दूध में कितने चावल।
खीर
1 किलो दूध में
100 ग्राम चावल
100 ग्राम चीनी
आधा कप कटी मेवा
एक चुटकी पिसी इलाइची
चावल धो कर पानी में भिगोयें।
दूध को उबलने दें।
पानी से चावल निकाले और उबलते दूध में डाल लें ,आँच धीमी करके खीर को बीस मिनिट तक पकाये।बीच बीच में चलाते रहें।
आँच से हटाये और चीनी और मेवा मिलायें और इलाइची बुरक कर रख लें।
चाँदिनी शरद पूर्णिमा की रात में खुली खीर ऱखने से इसमें अमृत मिल जाता है।
आप सबको अमृत वाली खीर के साथ शरद पूर्णिमा की बधाई!!
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