Monday, 8 May 2017

माँ तू है कमाल (कविता)# मां पर # हिन्दुस्तान वाली मां #

माँ तू है कमाल

अलग अलग लगती,होती एक समान,
माँ तो बस ममता बाकी सब से अनजान!

खुद अनपढ़ रही हो,पढ़ने बैठाती संग
स्कूल पहले गई नहीं,टीचर से मिलने जाती जरूर!

हर काले साये को,बच्चे से रखती दूर
छिपा कर आँचल में,खुद सह लेती हर वार!

खाने को भोजन न हो,भूँका बच्चा कभी नहीं
गुड़ जैसी बातो से,  माँ    परोस देती मिष्ठान!

शरीर से कमजोर  गर औलाद  हो जाये
बातों ही बातों में मन को कर देती फौलाद !

चपत लगा कर बच्चे को,खुद रोती बार बार
सही गलत का करवाती ज्ञान   उसको बारम्बार!

हार जाने पर भी,जिन्दा रहे उम्मीद सदा
तुम सबसे काबिल हो एहसास जिन्दा बरकरार!

व्रत ,पूजा पाठ करेगी,सलामती,सफलता की दुआ
हर इम्तिहान में माँ बच्चे के संग,नही छोड़ती अकेला!

खुद रात दिन डर डर के जीती , जी लेती हर तरह
बच्चे को निडर, निभिक शेर बनाने करती हर प्रयास!

कभी बहन माँ,कभी बड़ी ,कभी कुछ और ...माँ
माँ का भी माँ बन रख लेती ध्यान,मादा तेरी ममता महान।।

--------------------- अलका माथुर
                09--05 --- 2017 

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