ये बिशेष अचार छोटी साबुत प्याज,अदरक और लहसुन का छिले आम के साथ बनाया जाता है।3 साल तक बढ़िया रहता है।
इतनी पसन्द से सब लोग खाते है कि मेहनत बसूल हो जाती है ।अपनी सास की डायरी की ख़ास रेसिपी आप लोग के साथ शेयर कर रही हूँ!
शाही प्याज का अचार
1 किलोग्राम छिला और कटा जाली वाला आम
1 किलोग्राम छोटी प्याज (साबुत छिली )
1 पाव कटा अदरक
1 पाव छिला लहसुन
100 ग्राम (जीरा,मेथी,कलौंजी )
5ग्राम लोंग
5 ग्राम छोटी इलायची
125 ग्राम नमक
130 ग्राम पिसी बारीक़ राई
2 चम्मच मिर्च पाउडर
60 ग्राम गुड़ को आधा बोतल सिरके में पकाये
1/2 किलो तिल का तेल
आम को धो कर साफ कपडे से पोंछ लें।छिले और सरौते से टुकड़े काटे।
आम प्याज, लहसुन और अदरक को मिलायें और उसमे नमक मिलायें।नमक लगा कर रखने से आम प्याज ,लहसुन और अदरक में से पानी निकल जाता है।
इस पानी के अंदर रह जाने से ही अचार ख़राब होते है।नमक लगाने से जो पानी निकले उसको बर्तन टेड़ा करके इकठ्ठा करें और उबाल लें और सिरका मिलाने के बाद मिला लें।
3 घण्टे के बाद साफ सूखा करें फैला कर ।
सूखे मसाले ,राई पिसी और मिर्च आदि मिलायें।
गुड़ को सिरके में पकायें और ठंडा हो जाने पर अचार में डालें।
थोड़ा सा तेल,अलग किया पानी ,सिरका अच्छी तरह मसाला मिले अचार में मिलायें और सुखी बरनी में भरें ।
तेल को भी पकायें और ठंडा करके ही मिलायें।सभी तेल को ऊपर से अचार डूब जाने तक भर कर रखें।
पानी या गीला कपड़ा, गिला हाथ बिल्कुल न लगायें, तभी ज्यादा दिन तक ठीक रहेगा अचार।
एक हफ्ते तक धूप में पकने रखें ढक्कन बंद करके।
हिला सकते है ,बीच बीच में।
बहुत पसंद से खाये और खिलायें।
इतनी पसन्द से सब लोग खाते है कि मेहनत बसूल हो जाती है ।अपनी सास की डायरी की ख़ास रेसिपी आप लोग के साथ शेयर कर रही हूँ!
शाही प्याज का अचार
1 किलोग्राम छिला और कटा जाली वाला आम
1 किलोग्राम छोटी प्याज (साबुत छिली )
1 पाव कटा अदरक
1 पाव छिला लहसुन
100 ग्राम (जीरा,मेथी,कलौंजी )
5ग्राम लोंग
5 ग्राम छोटी इलायची
125 ग्राम नमक
130 ग्राम पिसी बारीक़ राई
2 चम्मच मिर्च पाउडर
60 ग्राम गुड़ को आधा बोतल सिरके में पकाये
1/2 किलो तिल का तेल
आम को धो कर साफ कपडे से पोंछ लें।छिले और सरौते से टुकड़े काटे।
आम प्याज, लहसुन और अदरक को मिलायें और उसमे नमक मिलायें।नमक लगा कर रखने से आम प्याज ,लहसुन और अदरक में से पानी निकल जाता है।
इस पानी के अंदर रह जाने से ही अचार ख़राब होते है।नमक लगाने से जो पानी निकले उसको बर्तन टेड़ा करके इकठ्ठा करें और उबाल लें और सिरका मिलाने के बाद मिला लें।
3 घण्टे के बाद साफ सूखा करें फैला कर ।
सूखे मसाले ,राई पिसी और मिर्च आदि मिलायें।
गुड़ को सिरके में पकायें और ठंडा हो जाने पर अचार में डालें।
थोड़ा सा तेल,अलग किया पानी ,सिरका अच्छी तरह मसाला मिले अचार में मिलायें और सुखी बरनी में भरें ।
तेल को भी पकायें और ठंडा करके ही मिलायें।सभी तेल को ऊपर से अचार डूब जाने तक भर कर रखें।
पानी या गीला कपड़ा, गिला हाथ बिल्कुल न लगायें, तभी ज्यादा दिन तक ठीक रहेगा अचार।
एक हफ्ते तक धूप में पकने रखें ढक्कन बंद करके।
हिला सकते है ,बीच बीच में।
बहुत पसंद से खाये और खिलायें।
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