शादी में दो लोग ही नहीं बल्कि दो परिवार का मिलन होता है ,एक रिश्ता कायम हो जाता है।
माथुरों में शादी से पहले या शादी के समय ये एक सूंदर कविता रूप में लिखा हुआ ,पूरे परिवार का परिचय,बहुत सुन्दर सजावट के साथ ,दोनों पक्ष - लड़की वाले और लड़के वाले ,एक दूसरे को देते है।
अब भी इसी तरह की रस्म होती है।लोग पूरे दिल से बनाते है।
सृजन क्षमता पहले भी कमाल थी और आज भी कोई कमी नहीं है।
परिवार परिचय में लिखे दोहे - रिश्ते को ,शौक को ,व्यक्तित्व को और कुछ मज़ाक को शामिल कर लिखे जाते है।
पहले जो बात लिखनी होती है - लिख ली जाती है
उदाहरण के तौर पर - पापा के लिए-
कृपा के सागर है श्रीमान
हिमालय सा है ह्रदय विशाल
अब समय के अनुसार विवरण भी अलग तरह से होते है (personalised)
करते लोहे का व्यवसाय,दिल पाया है मोम सा
लेटेस्ट मॉडल फोन का,खाना चाहिए मम्मी के हाथ का
इसी तरह परिवार के लोगो का काम ,उनकी पसंद,उनका स्वाभाव और थोड़ा हँसी मज़ाक के साथ दोहे लिख कर परिवार परिचय तैयार किये जाते है।
सबके बीच पढ़ने में ,सभी उसका आनंद लेते है।
बार बार पढ़ कर खुश होते है।
सजावट भी क्या कहने - -
कोई पालकी बनाता है
कोई टीवी की शक्ल
कोई मोबाइल
कोई फाइल
कोई शाही पत्र की शक्ल
माथुरों में शादी से पहले या शादी के समय ये एक सूंदर कविता रूप में लिखा हुआ ,पूरे परिवार का परिचय,बहुत सुन्दर सजावट के साथ ,दोनों पक्ष - लड़की वाले और लड़के वाले ,एक दूसरे को देते है।
अब भी इसी तरह की रस्म होती है।लोग पूरे दिल से बनाते है।
सृजन क्षमता पहले भी कमाल थी और आज भी कोई कमी नहीं है।
परिवार परिचय में लिखे दोहे - रिश्ते को ,शौक को ,व्यक्तित्व को और कुछ मज़ाक को शामिल कर लिखे जाते है।
पहले जो बात लिखनी होती है - लिख ली जाती है
उदाहरण के तौर पर - पापा के लिए-
कृपा के सागर है श्रीमान
हिमालय सा है ह्रदय विशाल
अब समय के अनुसार विवरण भी अलग तरह से होते है (personalised)
करते लोहे का व्यवसाय,दिल पाया है मोम सा
लेटेस्ट मॉडल फोन का,खाना चाहिए मम्मी के हाथ का
इसी तरह परिवार के लोगो का काम ,उनकी पसंद,उनका स्वाभाव और थोड़ा हँसी मज़ाक के साथ दोहे लिख कर परिवार परिचय तैयार किये जाते है।
सबके बीच पढ़ने में ,सभी उसका आनंद लेते है।
बार बार पढ़ कर खुश होते है।
सजावट भी क्या कहने - -
कोई पालकी बनाता है
कोई टीवी की शक्ल
कोई मोबाइल
कोई फाइल
कोई शाही पत्र की शक्ल
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