चैत्र नवरात्री में तीज या पंचमी को गणगौर पूजा होती है।बिशेष तौर से राजिस्थान गुजरात और उत्तर प्रदेश में,अब लोग सब अलग अलग जगह बस गए तो पूरी दुनिया में कहीं भी सभी त्यौहार मानते है।
अन्य पूजा की तरह ही पूजा अर्चना करती है महिलायें और खुद सोलह श्रृंगार करके ,चुनड़ी पहन कर गणगौर माता के गीत गाती है ।
भोग में फल ,मिठाई के साथ विशेष तौर पर गुने बनाये जाते है।जो मूलरूप से शक्कर पारे ही है ,जिनका गोल अंगूठी आकर में या षटकोण में बनाया जाता है।
चीनी अंदर मिलायें या ऊपर से पागे।14 या 16 गुने रख कर गोदी मंस्ते है। इसको ही बायना या बया कहते है।
गुने
2 कप आटा
1 कप पिसी चीनी
1/4चम्मच सोड़ा
4 चम्मच धी
छांछ
तलने के लिए तेल
आटा ,सोडा , चीनी और धी को एक सा मिला लें।
छांछ से रोटी बनाने जैसा मल लें।मुक्की लगा कर चिकना करें।
गुने का आकर बनाये।
तेल गरम करें और माध्यम आँच पर तल लें।
चीनी की चाशनी बना कर भी आटा को मोयन के साथ मल कर गुने बना सकते है,उसमें कड़ी हो जाती थी इस बार थोड़ा परिवर्तन किया और बढ़िया गुने बने।
अन्य पूजा की तरह ही पूजा अर्चना करती है महिलायें और खुद सोलह श्रृंगार करके ,चुनड़ी पहन कर गणगौर माता के गीत गाती है ।
भोग में फल ,मिठाई के साथ विशेष तौर पर गुने बनाये जाते है।जो मूलरूप से शक्कर पारे ही है ,जिनका गोल अंगूठी आकर में या षटकोण में बनाया जाता है।
चीनी अंदर मिलायें या ऊपर से पागे।14 या 16 गुने रख कर गोदी मंस्ते है। इसको ही बायना या बया कहते है।
गुने
2 कप आटा
1 कप पिसी चीनी
1/4चम्मच सोड़ा
4 चम्मच धी
छांछ
तलने के लिए तेल
आटा ,सोडा , चीनी और धी को एक सा मिला लें।
छांछ से रोटी बनाने जैसा मल लें।मुक्की लगा कर चिकना करें।
गुने का आकर बनाये।
तेल गरम करें और माध्यम आँच पर तल लें।
चीनी की चाशनी बना कर भी आटा को मोयन के साथ मल कर गुने बना सकते है,उसमें कड़ी हो जाती थी इस बार थोड़ा परिवर्तन किया और बढ़िया गुने बने।
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