हारे इंसान .....
बन्द आँख से विश्व भ्रमण पर ले जाये
रिसते घाव छिपा, चेहरे पर मुस्कान ले आए
कोई जगह नहीं, जहाँ तू पहुँच जहां न पाये
मन तू पकडे जिस तरह ड़ोर
अंजाम मुताबिक दिख जाये।
सपने में दौड़ाये,लेटे लेटे थका डाले
दवा ,जूस ,दुवा असर नहीं करती
जो मन ने डाले हथियार
जीने की इच्छा हर ले
हार के जीवन हारे इंसान
हाड़ मांस के हम भी वो भी
कोई नापे समुंद्र कोई आसमान
बारूद के आगे फौलाद कोई
मन ही बना डाले किसी को शैतान
मन कमजोरी मन ही चट्टान
मचले क्यों मुझमें तू ..
बालक सा उत्साहित
जवां उमंग सा आनंदित
धैर्य वयस्क सा निश्चिन्त,
अधेड़ जीवंत सा आशावान
संग साथ,मन सांसो का
सांसो तक मन में विशवास।।
----------///-------------//अलका माथुर
बन्द आँख से विश्व भ्रमण पर ले जाये
रिसते घाव छिपा, चेहरे पर मुस्कान ले आए
कोई जगह नहीं, जहाँ तू पहुँच जहां न पाये
मन तू पकडे जिस तरह ड़ोर
अंजाम मुताबिक दिख जाये।
सपने में दौड़ाये,लेटे लेटे थका डाले
दवा ,जूस ,दुवा असर नहीं करती
जो मन ने डाले हथियार
जीने की इच्छा हर ले
हार के जीवन हारे इंसान
हाड़ मांस के हम भी वो भी
कोई नापे समुंद्र कोई आसमान
बारूद के आगे फौलाद कोई
मन ही बना डाले किसी को शैतान
मन कमजोरी मन ही चट्टान
मचले क्यों मुझमें तू ..
बालक सा उत्साहित
जवां उमंग सा आनंदित
धैर्य वयस्क सा निश्चिन्त,
अधेड़ जीवंत सा आशावान
संग साथ,मन सांसो का
सांसो तक मन में विशवास।।
----------///-------------//अलका माथुर
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