1 तुम्हे मुबारक .....होवे
महा लक्ष्मी का सुन्दर साज
सार्थक करके इसकी गरिमा
रखना दोनों कुल की लाज।।
2 - जीवन पथ कर्तव्य श्रेष्ट है
ज्योति बने उसकी अखिलेश
मंगलमय हो दो जीवों का
नवजीवन ग्रह मे प्रवेश ।।
3 - दो प्राणों के मधुर मिलन की
है आज सजाई बे ला
सत्य शांति स्नेह बनाये
जीवन को अलबे ला ।।
4 - भुवन चारि दस भरा उछाहू
जनक सुता राम बिआहू
अति गहगहे बाजने बाजे
सबहि मनोहर मंगल साजे ।।
5 - ज्योति बिखरे जहाँ चरण रख दो
विश्व की हर किरण तुम्हारी हो
सदा सफलता मिले तुम दोनों को
दें आशीष ,खुशियां सदा तुम्हारी हो ।।
6 - चलि ल्याही ....सितह सखी
सादर सजि सुमंगल भामिनी
मंजीर नूपुर कलित कंकन
ताल गति बर बाजहिं ।।
7 - पार्वती सम पति प्रिय ......
कही नहीं तेरी समता
चतुर चंचल चितचोर तुम्हारे नैना
मनमोहे सबका यही है कहना ।।
8 - मेरी शुभ कामना आशीष यही
तुम धरा पर गगन झुका लोगी
चाँद सूरज को छू सकोगी तुम
प्यार से विश्व को लुभा लोगी तुम ।।
9 - सोहति विनीता वृन्द महूं
सहज सुहावनि ..सीता
छबि ललना गन मध्य जनु
सुषमा तिय कमनीय ।।
10 - जय जय सुरनायक जन सुखदायक
प्रनत पाल भगवंता
बिनती सुनिये सकुशल होवे सब कारज
मिटे सबकी चिंता ।।
11 - चम्पे सी सोन कली
केवड़े सी बाल ड़ी
बालम के देस चली
बाबुल री लाड़ली ।।
महा लक्ष्मी का सुन्दर साज
सार्थक करके इसकी गरिमा
रखना दोनों कुल की लाज।।
2 - जीवन पथ कर्तव्य श्रेष्ट है
ज्योति बने उसकी अखिलेश
मंगलमय हो दो जीवों का
नवजीवन ग्रह मे प्रवेश ।।
3 - दो प्राणों के मधुर मिलन की
है आज सजाई बे ला
सत्य शांति स्नेह बनाये
जीवन को अलबे ला ।।
4 - भुवन चारि दस भरा उछाहू
जनक सुता राम बिआहू
अति गहगहे बाजने बाजे
सबहि मनोहर मंगल साजे ।।
5 - ज्योति बिखरे जहाँ चरण रख दो
विश्व की हर किरण तुम्हारी हो
सदा सफलता मिले तुम दोनों को
दें आशीष ,खुशियां सदा तुम्हारी हो ।।
6 - चलि ल्याही ....सितह सखी
सादर सजि सुमंगल भामिनी
मंजीर नूपुर कलित कंकन
ताल गति बर बाजहिं ।।
7 - पार्वती सम पति प्रिय ......
कही नहीं तेरी समता
चतुर चंचल चितचोर तुम्हारे नैना
मनमोहे सबका यही है कहना ।।
8 - मेरी शुभ कामना आशीष यही
तुम धरा पर गगन झुका लोगी
चाँद सूरज को छू सकोगी तुम
प्यार से विश्व को लुभा लोगी तुम ।।
9 - सोहति विनीता वृन्द महूं
सहज सुहावनि ..सीता
छबि ललना गन मध्य जनु
सुषमा तिय कमनीय ।।
10 - जय जय सुरनायक जन सुखदायक
प्रनत पाल भगवंता
बिनती सुनिये सकुशल होवे सब कारज
मिटे सबकी चिंता ।।
11 - चम्पे सी सोन कली
केवड़े सी बाल ड़ी
बालम के देस चली
बाबुल री लाड़ली ।।
No comments:
Post a Comment