Saturday, 18 February 2017

बन्ना बन्नी (गाने)

शादियों में अब लेडीज़ संगीत का रूप बिलकुल बदल चुका है ।तेज लय पर तैयार किये और पूरे तय किये गाने और नृत्य होते है।शादियों वाले गाने जिनको बन्ना या नॉशे के लिए और बन्नी यानी दुल्हन के लिए गाते थे बहुत कम सुनने को मिलते है।
इन गानो में पूजा , प्यार ,आशीर्वाद और छेड़छाड़ के साथ कला भी थी।गाने समय और रिश्तों के हिसाब से लिखे और जोड़े जाते थे।फिर लय ताल से उनको जोड़ कर गाते थे।
माथुरों में जोड़े गए गीत खूब शौक से गाये और सुने जाते थे।
जो मुझे याद आ रहे है उनको लिख रही हूँ।

1 - गणपति महाराज बिराजो
बिराजो गणपति महाराज
शिवजी को भी लाना
पार्वती जी को लाना
संग में खुशियां लाओ महाराज । गणपति...

रामजी को भी लाना
सीता मैया को लाना
लक्ष्मण जी को भी लाना संग ।  गणपति....


2
रधु पति राघव राजा राम ,ऐसा पति मुझे दो भगवान

रोज सुबह वो चाय बनाए ,चाय बना कर मुझे जगाये
और कहे  पी लो मेरी जान , ऐसा...

दफ्तर से आ के खाना बनाये, प्यार सेखुद वो हमें खिलायें
और कहे खाओ मेरी जान, ऐसा....

मॉल घुमाये और तोहफे दिलाये, हम फैशन में रमे रमाये
और  कहे मस्त /सुन्दर मेरी जान,ऐसा......

3
इचक दाना पिचक दाना ,दाने ऊपर दाना
छज्जे ऊपर लड़की नाचे ,लड़का है दीवाना.

रोज सवेरे उठ कर बन्ना, गरम समोसे लाता है
दादी को दिखा दिखा कर बन्नी को खिलाता है
दादी के मुँह में पानी आये, कैसा है जमाना...इचक दाना.....

4
आलू छोले वाले रे,गलियों में आके शोर किया

बन्ने के बाबा बड़े कमाऊ भर भर थैली लाते है
बन्ने की दादी बड़ी चटोरी भर भर दोना खाती है
चाटा पत्ता फैक दिया रे ss ....गलियो.....

5
बन्ने से बनडी जयमाला पर झगड़ी, तू क्यों नहीं लाया रे
सोने की तगड़ी..।
बन्ना बोला धीरे धीरे बोल
मम्मी पापा सुनेगे,  फेरे पे दे दूंगा सोने की....

फेरे हुए जब  बन्नी फिर झगड़ी..तू क्यों ....
बन्ना बोला धीरे से बोल बहने सुन लेंगी,घर जाते ही दूंगा सोने की....

घर पहुँचे जैसे ही बन्नी फिर यू झगड़ी तू बिन लिये आया फिर सोने की ....
बन्ना बोला अब क्या जल्दी है कभी भी लेलेना सोने की.....

मुन्ना हुआ जब बनडी फिर से झगड़ी तू क्यों नहीं दिलाता रे सोने....
बन्ना बोला मुन्ना सोया है  अब तू खुद तगड़ी है क्या करेगी तगड़ी..

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