Thursday, 15 June 2017

ताहिरी या पुलाव

सादे दिखने वाला ये चावल का खाना बहुत बढ़िया ,अति स्वादिष्ट बन सकता है।मैंने पहली बार जब ताहिरी बनाई तो मुझे बिलकुल पसन्द नहीं आई, जब की माँ के हाथ की बनी ताहिरी सब लोग और मैं भी बहुत पसंद से खाते थे।
माँ ने कहा की मेरे बस की बात नहीं!
बुरा भी लगा ,अगली बार उनको बनाते देखा तो समझ आया,क्यों?
पहले उनकी वाली रेसिपी फिर असली बात!!

छोटी प्याज वाली ताहिरी

200 ग्राम बासमती चावल
2 बड़े प्याज बारीक़ कटे हुए
8 छोटी प्याज छिली
8 लहसुन कलिया
1 इंच अदरक
खड़े मसाले - 3 लोंग,4 कालीमिर्च,2 तेजपत्ते
आधा कप मटर या कटी सब्जी या न्यूट्रिनुग्गेट
1 चमचा देसी घी
1 चम्मच भर के नमक
1 कटी हरी मिर्च
1 चम्मच जीरा


लहसुन और अदरक को छील कर छोटा काट लें।
चावल को धोकर पानी में भिगोयें एक घंटे के लिए।
कुकर में घी गरम करें,खड़े मसाले डालें।
अब एक करके लहसुन,अदरक,कटी प्याज और साबुत प्याज को क्रम से ड़ालते और भूनते जाये।
प्याज किनारों से सुनहरी होने लगे तभी मटर डालें।
चावल को पानी से निकाले और प्याज़ के साथ धी में मिल जाने दें जिससे उन पर घी की परत हो जाएं।
डेढ़ कप चावल थे ये ,इसमें दो कप पानी लगेगा,जिसको पहले ही उबाल लें जीरा और हरी मिर्च डाल कर।
सब पानी को भुने चावल और मसाले में डालें और ढक्कन लगा कर तेज़ आँच पर तीन सिटी तक पकाये।
उसके बाद धीमी आँच पर एक मिनिट रहने दें।
आँच से हटाये और भाप में दम होने दें।
खोलें और गरम गरम परोसें।
एक कहावत है ---
खिचड़ी / ताहिरी के चार यार - दही,पापड़,चटनी और अचार
नींबू में भीगी मिर्च भी फ्राई कर लें।

ये सुपर टेस्ट वाली ताहिरी के लिए माँ का कहना था।
(घी सुधारे ताहिरी ,दे गजब का स्वाद , सास इतराती फ़िरे नाम बहू का होय।)

हम लोगों के हाथ से अब घी डलने लगा है और बढ़िया ताहिरी बनने लगी है आप भी बनाये और आनंद लें।.

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