आइसक्रीम जितनी भी नरम और बिना बर्फ़ के टुकड़ो के बनती है उतनी ही बढ़िया लगती है।ज्यादातर लोग ये ही सवाल पूछते है क्या डाले जो घर पर भी बाजार जैसी आइसक्रीम बने?
इसको दो बातों से समझ सकते है ।
1 -
पहली बात की जब भी आइसक्रीम या फ्रोज़न चीज़ जमाते है तो उसमे मौजूद पानी अलग से जम जाता है ।
हम या तो पानी की मात्रा उड़ा दें ,पका पका कर,या कुछ मिलायें जिससे सारा मिश्रण एक समान गाड़ा हो जाये।
ये बहुत सारी चीजें हमारे पास होती है मैदा ,अरारोट,कॉर्नफ्लोवर,या आलू ,कददू,चावल का आटा आदि। आधा किलो दूध में 5 से 10 ग्राम तक मिलाया जा सकता है ।इसको सावधानी से ठन्डे में घोलें और धीमी आँच पर चलाते हुए पकाये।
अंडा ,ख़ास कर उसका योक(पिला हिस्सा) बहुत बढ़िया रहता है।सस्ता पौष्टिक दोनों ही है ।
फल या फल वाली चीजों में भी पानी काफ़ी मात्रा में होता है,जिसको चीनी, गुड़ या शहद आदि मिला कर थोड़ा गाड़ा किया जाता है ।जेलेटिन या पेक्टिन जैसे stablizer के इस्तेमाल से भी बढ़िया होता है।इनको दूध वाले मिश्रण में मिलाया जा सकता है।
इन सबके उपयोग से घर में बेहतर परिणाम मिलेंगे।
बाज़ार में मिलने वाली आइसक्रीम घर वाली से बिलकुल अलग होती है।
घर की बनी चीजें उसमें नहीं हो सकती।
कुछ प्राकृतिक stabilizers बाज़ार में आते है।जिनका उपयोग सभी तरह की क्रीम और रेडी मेड आइसक्रीम में होता है।जो उपयोग में सुरक्षित है।
मुझे दो बाते बहुत अखरती है
1 - सभी हिन्दुस्तान में बाहर से आते है।सोचिये कितनी खपत होती होगी ?
2 - बहुत ही महंगे होते है।
नेचुरल stabilizers
1 Guargum -- ये पाउडर ग्वार की फली से बनाया जाता है।मैंने इसकी जगह काबुली चने के पाउडर का उपयोग सफलता से किया है।सोया बीन का आटा बेकिंग में 1 किलो में 10 ग्राम डालने से बढ़िया नरम ब्रेड देता है और एक किलो फल में 50 ग्राम चने का पाउडर का उपयोग करें।
2 Carrageenan -मैंने पढ़ा है ,ये लाल सी वीड से बनता है और बहुत उपयोग होता है।
3 - Cornsugar - polysorbate 80
4- diglyceride - poly glycerides fat from soyabeen
बहुत से केमिकल भी आसानी से मिलते है
1- C .M.C _ carboxy ethyal cellulose ये भी एक तरह का carbohidrate है जो 50 गुना तक पानी सोख लेता है।आधा किलो दूध में एक चम्मच ही काफी होता है।मिलना एकदम अच्छी तरह से चाहिए।पहले थोड़ा पानी मिलायें और पानी या तरल को ड़ालते जाये और फटते जाये।
2 - जेलेटिन ये जानवरों की हड्डियों से बनता है।इसको भी पहले पानी में भिगोयें और फिर बर्तन को गरम पानी पर रखें और घुल जाने तक चलाते रहें।
3 - g.m.s powder - Glycerol monostearate - ये पानी में नहीं घुलता है।आइसक्रीम में बेकिंग में तेल या फैट और तरल को मिलाने और मिले रहने के लिए इसका उपयोग करते है।क्रीम या फैट को मिलाने के बाद गरम के साथ तेज स्पीड में मिलाने से मिल जायेगा।
4 - Xanthomonas bacteria से xanthan गम fermentation के बाद मिलता है जिसको मिलाने से जल्दी पिघलती नहीं है आइसक्रीम।
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2-
दूसरी बात जमाने पर होती है जमते वक़्त जितनी जल्दी आइसक्रीम जम जायेगी उतने बढ़िया नतीजे मिलेंगे।
क्रीम को तेज नहीं धीमे फेटें ,जितनी कम झाग बनेंगे उतने कम बर्फ के टुकड़े जमेंगे।
आइसिंग में लिक्विड ग्लूकोस का इस्तेमाल - रॉयल आइसिंग,फोनडेन्ट आइसिंग में और शुगर आर्ट में किया जाता है।
आइसिंग की लेंस बनाने के लिए guargum और सी एम सी का इस्तेमाल किया जाता है।
इसको दो बातों से समझ सकते है ।
1 -
पहली बात की जब भी आइसक्रीम या फ्रोज़न चीज़ जमाते है तो उसमे मौजूद पानी अलग से जम जाता है ।
हम या तो पानी की मात्रा उड़ा दें ,पका पका कर,या कुछ मिलायें जिससे सारा मिश्रण एक समान गाड़ा हो जाये।
ये बहुत सारी चीजें हमारे पास होती है मैदा ,अरारोट,कॉर्नफ्लोवर,या आलू ,कददू,चावल का आटा आदि। आधा किलो दूध में 5 से 10 ग्राम तक मिलाया जा सकता है ।इसको सावधानी से ठन्डे में घोलें और धीमी आँच पर चलाते हुए पकाये।
अंडा ,ख़ास कर उसका योक(पिला हिस्सा) बहुत बढ़िया रहता है।सस्ता पौष्टिक दोनों ही है ।
फल या फल वाली चीजों में भी पानी काफ़ी मात्रा में होता है,जिसको चीनी, गुड़ या शहद आदि मिला कर थोड़ा गाड़ा किया जाता है ।जेलेटिन या पेक्टिन जैसे stablizer के इस्तेमाल से भी बढ़िया होता है।इनको दूध वाले मिश्रण में मिलाया जा सकता है।
इन सबके उपयोग से घर में बेहतर परिणाम मिलेंगे।
बाज़ार में मिलने वाली आइसक्रीम घर वाली से बिलकुल अलग होती है।
घर की बनी चीजें उसमें नहीं हो सकती।
कुछ प्राकृतिक stabilizers बाज़ार में आते है।जिनका उपयोग सभी तरह की क्रीम और रेडी मेड आइसक्रीम में होता है।जो उपयोग में सुरक्षित है।
मुझे दो बाते बहुत अखरती है
1 - सभी हिन्दुस्तान में बाहर से आते है।सोचिये कितनी खपत होती होगी ?
2 - बहुत ही महंगे होते है।
नेचुरल stabilizers
1 Guargum -- ये पाउडर ग्वार की फली से बनाया जाता है।मैंने इसकी जगह काबुली चने के पाउडर का उपयोग सफलता से किया है।सोया बीन का आटा बेकिंग में 1 किलो में 10 ग्राम डालने से बढ़िया नरम ब्रेड देता है और एक किलो फल में 50 ग्राम चने का पाउडर का उपयोग करें।
2 Carrageenan -मैंने पढ़ा है ,ये लाल सी वीड से बनता है और बहुत उपयोग होता है।
3 - Cornsugar - polysorbate 80
4- diglyceride - poly glycerides fat from soyabeen
बहुत से केमिकल भी आसानी से मिलते है
1- C .M.C _ carboxy ethyal cellulose ये भी एक तरह का carbohidrate है जो 50 गुना तक पानी सोख लेता है।आधा किलो दूध में एक चम्मच ही काफी होता है।मिलना एकदम अच्छी तरह से चाहिए।पहले थोड़ा पानी मिलायें और पानी या तरल को ड़ालते जाये और फटते जाये।
2 - जेलेटिन ये जानवरों की हड्डियों से बनता है।इसको भी पहले पानी में भिगोयें और फिर बर्तन को गरम पानी पर रखें और घुल जाने तक चलाते रहें।
3 - g.m.s powder - Glycerol monostearate - ये पानी में नहीं घुलता है।आइसक्रीम में बेकिंग में तेल या फैट और तरल को मिलाने और मिले रहने के लिए इसका उपयोग करते है।क्रीम या फैट को मिलाने के बाद गरम के साथ तेज स्पीड में मिलाने से मिल जायेगा।
4 - Xanthomonas bacteria से xanthan गम fermentation के बाद मिलता है जिसको मिलाने से जल्दी पिघलती नहीं है आइसक्रीम।
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2-
दूसरी बात जमाने पर होती है जमते वक़्त जितनी जल्दी आइसक्रीम जम जायेगी उतने बढ़िया नतीजे मिलेंगे।
क्रीम को तेज नहीं धीमे फेटें ,जितनी कम झाग बनेंगे उतने कम बर्फ के टुकड़े जमेंगे।
आइसिंग में लिक्विड ग्लूकोस का इस्तेमाल - रॉयल आइसिंग,फोनडेन्ट आइसिंग में और शुगर आर्ट में किया जाता है।
आइसिंग की लेंस बनाने के लिए guargum और सी एम सी का इस्तेमाल किया जाता है।
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