बाजरा ऐसा अन्न है जो सर्दी के मौसम में ज्यादा खाया जाता है।बाजरे की खिचड़ी ,बाजरे की रोटी और बाजरे की माडी यानी गुड़ मिला कर बनाई गई मठरिया राजिस्थान और उत्तर प्रदेश में ख़ूब शौक से खाई जाती है।बाजरे के आटे से मेवा के लड्डू और कटलेट भी बनते है।
रोटी या बाखरी बनाने के लिए
3 कप बाजरे का आटा
ऊपर से तिल लगाना चाहें तो
मक्खन साथ में खाने के लिए
बाजरे के आटे को छान लें।
आधा या तीन हिस्सों में करके आटा मले।
तवा गरम करें।
मले आटे को दो मिनिट तक मलने से नरम और चिकनी रोटी बनती है।
लोई को हाथ से ही प्लास्टिक पर या प्लेट पर परोथन डाल कर हाथ से बड़ा करें।
तवे पर डालने के बाद हाथ गीला करके पानी चुपड़े और तिल और कलौंजी बुरक दें।
कलछी की मदत से पलट कर सेकें।
आंच पर भी जल्दी जल्दी पलट कर पसंद अनुसार कम या ज्यादा सेकें।
ऊपर से मोटा मक्खन का टुकड़ा रखें और गरम गरम गुड़ और साग के साथ खाये।
नमक भी डाल सकते है आटा मलते समय।
रोटी या बाखरी बनाने के लिए
3 कप बाजरे का आटा
ऊपर से तिल लगाना चाहें तो
मक्खन साथ में खाने के लिए
बाजरे के आटे को छान लें।
आधा या तीन हिस्सों में करके आटा मले।
तवा गरम करें।
मले आटे को दो मिनिट तक मलने से नरम और चिकनी रोटी बनती है।
लोई को हाथ से ही प्लास्टिक पर या प्लेट पर परोथन डाल कर हाथ से बड़ा करें।
तवे पर डालने के बाद हाथ गीला करके पानी चुपड़े और तिल और कलौंजी बुरक दें।
कलछी की मदत से पलट कर सेकें।
आंच पर भी जल्दी जल्दी पलट कर पसंद अनुसार कम या ज्यादा सेकें।
ऊपर से मोटा मक्खन का टुकड़ा रखें और गरम गरम गुड़ और साग के साथ खाये।
नमक भी डाल सकते है आटा मलते समय।
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