Sunday, 19 March 2017

भाँग और ठंडाई

भांग का पौधा जंगल की तरह हमारे घर में उगे रहते थे।पुराने लोगों से हम लोग बहुत सारी बाते सीखने से चूक गए।अम्माजी भांग के पेड़,अरंडी के पत्ते,पथर चट्टे के पत्ते और फूल के अलग इस्तेमाल करके हर बीमारी का इलाज करती थी।
भांग के पत्तो को सिल पर पीस और छान कर ठंडाई में दूध के साथ मिलाया जाता था।सच कहूँ तो उसकी मात्रा का भी कोई अंदाज नहीं है पक्का पक्का।
लड़कियो से छिपाया जाता था।

ठंडाई को तुरंत और बाद में इस्तेमाल के लिए बनाया जा सकता है।दोनों तरह से उनमे मात्रा एक सी ही लगेगी।

ठंडाई बनाने के लिए

सभी शर्बत की तरह चीनी का घोल बनाये।

6   कप चीनी
1 लीटर पानी  पानी और चीनी को 5 मिनिट तक उबालें

1 कप बादाम,1 कप मगज और 1कप खस खस को  2 चम्मच देसी घी में भून लें।
2 चम्मच सौंफ,1 चम्मच इलायची और 6 दाने कालीमिर्च को गरम करके पीसे।

बादाम मिश्रण को और सौंफ मिश्रण को चीनी वाले पानी के साथ बारीक़ पीस लें।इतने में आधा लीटर का ही इस्तेमाल होगा और एक बोतल ठंडाई बन जायेगी जिसको साल भर तक ठीक से रखा जा सकता है ।


फ्रेश ठंडाई बनानी हो
भुने बादाम मिश्रण में आधा लीटर दूध मिलायें और 4 मिनिट पकने दे।
फिर इसको सिल पर या मिक्सी में पीसे,जितना महीन पीस सकें।
सौंफ मिश्रण भी साथ में पीसे ।
भांग की पत्तियां भी साथ में पिसी जाती है सिल पर ।(अगर मिलाना हो तो,3 चम्मच पेस्ट जितना )
तैयार ठंडाई हो और दूध और चीनी मिला कर, पसंद के अनुसार ठंडा और मीठा करके पिए और पिलायें।

कम मात्रा यानी एक गिलास पीने से भांग का भी कोई प्रभाव नहीं होता।
ठंडाई बहुत ही फायदेमंद होती है।



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