Saturday, 29 October 2016

केसर रस गुल्ले

केसर रस गुल्ले

20 रसगुल्ले बनेगे कम मीठे
30 मिनिट का समय काफी होगा

1 लीटर दूध फुल क्रीम ताज़ा
1 कप चीनी
एक चुटकी केसर
1 नीबू का रस

ताज़ा दूध लें और उबालें।
आंच से हटा लें, नीबू का रस निकले और दूध में मिलायें।
दूध को चलायें जब तक पूरी तरह फट जाये।
कपड़े से छाने,साफ पानी से धो लें और बांध कर पानी निकलने रख लें।
2कप पानी में आधा कप पानी लें और एक उबाल लगायें,कुकर में रख लें।
पनीर को मिक्सि में बिना कुछ और मिलायें चलायें।
इस पनीर से 20 चिकनी बोल्स बनाएं।
कुकर में गरम पतली चाशनी में सब बोल्स को डाले और 2 मिनिट बाद आंच चालू करें।
उबाल आने के बाद ढक्कन लगाये और 4 मिनिट का प्रेशर दें।
कुकर ठंडा हो जाये तब रस गुल्लों को डिश में निकाले ।
चाशनी को बची चीनी और केसर डाल कर 5 मिनट पकायें और रसगुल्लों पर डाल लें।
ठन्डे करें और सबको खिलायें।

Friday, 28 October 2016

Mithai ( kaju roles)

Large variety of sweets are available in the market. Either we pay big money to get them or find simple easy methods to make at home.
Home made sweets guaranty your families health ,happiness and love.
Home cooking has opened many more dimensions. One can easily become professional cook to teach and sell foodstuffs.

To make kaju roles at home -

250 grams kaju tukra
300 grams icing sugar
50 grams white chocolate
1/2cup crushed nuts for filling
2 tablespoon milk powder
2 tablespoon ground sugar

30 minutes to make
25 roles are made

1 - soak kaju in water for 3 hours.
2 - remove water and ground kaju to a paste, do not add water.
3 - knead kaju with icing sugar.
4 - keep it to rest , covered in airtight dish or wrap.
5 - In a pan rost nuts to remove their moisture, add milk powder and sugar .
6 - Mix and turn till sugar coats nuts.

7 - Melt white chocolate in a glass bowl in double boiler.
8 - Add kaju mixture to hot chocolate quickly and mix .Can use both hands , wormed mixture should be smooth.
9 - Roll little mixture, cut rectangular pieces, keep filling and finish roles.
10 - Make all in similar or different shapes.
11 - Keep them in the fridge for sometime to set.

टमाटर का अचार

टमाटर का अचार 3 से 4 महीने तक चल जाता है।स्वाद के अनुसार थोडा अलग भी किया जा सकता है।

टमाटर का अचार बनाने के लिए -

1 धंटे में पकेगा
20 मिनिट तयारी में

2 किलो टमाटर (धुले पोंछे हुए)
300 ग्राम ख़जूर (कटे हुऐ)
2 कप चीनी
4 चम्मच नमक
1 लहसुन (छिला और कटा हुआ)
2 इंच अदरक (बारीक़ कटा हुआ)
छोंक के लिए जीरा,राई, कलौंजी,मेथी दाना और नाम को अजवाइन
8 साबुत सुखी मिर्च (चाहें तो)
1/2चम्मच हींग
1कप सिरका
1 चम्मच हल्दी पाउडर
1चम्मच मिर्ची पाउडर
1 चम्मच गरम मसाला
2 चम्मच सौंफ पाउडर
4 चम्मच सरसों का तेल

टमाटर काटे और उसमें नमक डाल कर मिला लें।बाकि तयारी तक पानी छोड़ने दें।
तेल गरम करें।छौंक के लिए हींग और जीरा राई आदि डाले।
साबुत मिर्च और लहसुन,अदरक डाले,जलने न दें ,धीमी आंच पर भूनने के बाद टमाटर पानी समेत डाल लें।
20 मिनिट तक तेज आंच पर पकने दें।
मसाला और ख़जूर मिलायें।10 मिनिट और पकायें।
चीनी मिलायें और 20 मिनिट तक धीमी आंच पर पकने दें।
बीच बीच में चलाते रहें।
1 कप सिरका मिलायें और 5 से 7 मिनिट तक पकने दें।
अचार तैयार है।साफ काँच की बरनी में भर कर रख लें।




Thursday, 27 October 2016

पचपन के पार (कविता)

चलो मौसम के संग,हम भी कुछ बदलते है !

नए काम,खानपान और नई नई आदत,
पुराने दोस्त और रिश्तो के संग पनपते है।

जो मन भाये वही हिम्मत जुटाते है,
दूसरों के दोष छोड़,अपना विवेचन करते हैं ।

न मिले पतवार,हाथो से ही सही,
नय्या खे कर,समंदर के पार उतरा करते है ।

उड़ना नही आये, सोच की उड़ानों में,
हवाओं के रुख,आसमानों की बातें करते है ।

क़ैद में भी हो,कोई गम नहीं,गिला नहीं,
सातों समुन्दर,तीनों लोकों की बात करते है।

अब भी बच्चों सी ज़िद, मन,इच्छाओं के संग,
कुछ बदलते भी है,चलो पच्चपन के पार  चलते है।

भय - आलोचना की काट है मन तेरा ,
सब भूलो,चलो खुद की प्रशंसा करते है ।

डर से कुछ नहीं हासिल,बदलने दो समय,
कुछ सबके संग ,कुछ अकेले ही चला करते है।।
-----------------------------अलका माथुर
26 .10 .

Wednesday, 26 October 2016

Fish curry (Bengali style)

Mustard and mustard oil gives specific flavour to fish.Different recipes and preparations are popular. Here is my favorite recipe.-

Fish curry

30 minutes to make
For 6 people

1 kg fish
10 cloves garlic
1 teaspoon black mustard
1 teaspoon salt
4 tablespoon mustard paste
2 tablespoon lemon juice
2 teaspoon mustard oil
Oil for frying fish

To make paste
3 spoon black mustard
3 spoon yellow mustard
1 teaspoon kalonji
2 inchs ginger
2 garlic
2 onions
2 tablespoon haldi
2 spoon salt
2 tablespoon mustard oil

To make paste-
Peal onions, ginger and garlic.
Take all the ingredients in a grinder and make a paste.
Keep aside.

To clean and fry fish-
Rub 2 spoon atta on fish than wash fish nicely.
Marinate fish with 1 teaspoon salt and 1 teaspoon haldi.Leave for 10 minutes.
Heat oil and deep fry all fish pieces ,at medium hot flame ,4 at a time.

To make curry-
Heat mustard oil.Add mustard seeds .
Add finely chopped or crushed garlic.
Add mustard paste to the pan.Cook for 2-3 minutes.
Add water to it and boil.
Taste to check salt then add salt and lemon juice.
Add fish pieces to the curry.
Garnish with coriander leaves.
Serve hot with boiled rice or jira rice.

अधोट्टा (मजेदार केसर वाला दूध)

अधोट्टा - वृन्दावन में बिहारी जी की रसोई में बहुत सारे स्वादिष्ट अमृत समान व्यंजन बनते है।श्रद्धा और भोग होने से जो अनुभूति और प्रसन्ता प्राप्त होती है वह बया नहीं की जा सकती !!
बिहारीजी को दूध दही बहुत रूपों में चढ़ता है।अधोट्टा उनमें से एक है।

अधोट्टा
4 ग्लास बनाने के लिए
30 मिनिट का समय लगेगा

1 किलो दूध
1 चटकी केसर
10 पिस्ते
8 बादाम
1/3कप चीनी

दूध को उबलने रख दें धीमी आंच पर ।
रात भर बादाम को पानी में भिगो कर रक्खें और छील कर बारीक़ काट लें या पीस लें।
जब दूध उबाल कर आधा हो जाये उसमें केसर और बादाम डाले ।
आंच से उतार कर चीनी और बारीक़ काटे पिस्ते भी मिलायें।
चलाते हुए ठंडा करें ।
मिट्टी के गिलास में भर कर रख दें।
ठंडा अधोट्टा भोग लगायें और ग्रहण करें,
आनंद उढाये !!

दीवाली पर कही जाने वाली कहानी (1)

कहानी-
एक भाट के घर खाने को कुछ नहीं था।बिलकुल ख़ाली बर्तन रखा था।घर के सब लोग दुखी हो रहे थे ।
साल भर बाद दीवाली का त्योहार आया था और उनके पास कुछ साधन नहीं थे। भाट की माँ ने कहा,"काम मिले या न मिले ! कोई भी ख़ाली हाथ घर वापस नहीं आएगा !
अगले दिन दीवाली ,तीनो लड़के काम करके पैसे लाने को चल दिए ,काम नहीं मिला,दिन भर इधर उधर भटकते रहे।जब अँधेरा होने लगा,बड़े लड़के को कोई चीज़ न मिली हो सोचने लगा ,घर क्या ले कर जाये ? आखिर में वो गोबर ही ले कर घर आ गया।
माँ ने कहा बाहर रख दो। दूसरा बेटा भी काम नहीं मिलने से निराश घूमता रहा, कुछ न मिलने पर ,आम के पेड़ के निचे बैठा सोच रहा था ,आखिर वो भी सिर्फ आम के पत्ते ही ले कर घर पहुच गया ।झोंपड़ी के बाहर ही दोनों ने रख दिया और माँ को बता दिया की हो लोग ख़ाली हाथ नहीं आये है।माँ ने कहा जो भी है बाहर रख दो।
छोटा लड़का भी काम चोर था इधर उधर घूमता रहा शाम होने पर भूक भीं सताने लगी और माँ का संदेश भी यद् हुआ ! उसकी नज़र एक मरे हुए सांप पर पड़ी,वो उसको ही उठा कर घर ले आया। माँ नराज़ नहीं हुई उसने कहा "झोपड़े के छप्पर पर डाल दो ।
इधर रानी स्नान कर रही थी और उनका ज़ेवर भी वहीँ रखे थे।एक चील ऊपर उड़ रही थी ,वो रानी हार को अपने पंजो में दबा कर उड़ गई।
उड़ते उड़ते उसे भाट के झोपड़े पर पड़ा सांप दिखा,चील हार को वही छोड़ कर सांप को चोंच में पकडे उड़ गई।

दीवाली के दिन भाट के घर माँ बहुत सुबह से घर द्वार साफ करने लगी ,लिप पोत कर उसने सोचा मृत सांप को भी हटायें ,तो उसकी आँखे चोधिया गई, वहाँ तो चमचमाता हिरे पन्ने जड़ा सोने का हार था ।
राजा ने ढिढोरा पिटवा दिया ,जो भी रानी का हार लाएगा या पता बताएगा उसको मुँह माँगा इनाम मिलेगा।
ख़बर भाट के घर भी पहुँच गई ,माँ ने अपने लड़को को राजा के पास भेजा कहा ," राजा से कहना हार देने की एक शर्त है,आज दीवाली की रात पुरे राज्य में सिर्फ भाट के घर रौशनी होगी!" यही कहते रहना - या दिया राज घर या दिया भाट घर !
लड़को को लालच और आश्चर्य हो रहा था माँ को हार मिल चुका तो धन की जगह दिया रौशनी क्यों मांग रही थी!
राजा ने उनकी शर्त मान ली,ढिढोरा पीटा गया की इस दीवाली पुरे राज्य में अँधेरा रहेगा सिर्फ भाट के घर रौशनी होगी।
रात को जब लक्ष्मीजी आई उन्होंने देखा सब जगह अँधेरा ,एक ही झोपड़ी जगमग हो रही है। वो वही जाने लगी भाटअन ने उन्हें रोक लिया ,"कहो आउंगी तो कभी जाउंगी नहीं"।
लक्ष्मीजी मान गई ।उस दिन से उनके दिन बदल गए।धन- धन्य और वैभव सब मिल गया।

इसके बाद   -  जैसे लक्ष्मीजी उनके घर आई सबके घर आये और सब खुश रहे!!

अन्नकूट (गोबर्धन पूजा और छप्पन भोग)

दीपावली के अगले दिन सुबह अम्माजी हवा में झाड़ू ले कर कहती "निकल दिलद्दर लक्ष्मी आगई" और ये कहते झाड़ू हिलाते सारे घर का चक्कर लगाया करती ।पुरानी झाड़ू या सुप को बाहर फ़ेक देती थी।
उस दिन घर में झाड़ू पोंछा नहीं होता था। इसके पीछे दो कारण रहे होंगे!
1 - कई दिनों से पुरे घर की सफाई हो रही होती थी और जब लक्ष्मीजी आई है तो उनकी पूजा करो।
2 - थकान और नॉकर् चाकर का छुट्टी पर रहने के कारण भी यह प्रचलित हो गया होगा।
ये पड़वा का दिन होता है,मान्यता है कि कोई काम नहीं करता है ।यूपी में बहुत जगह बाजार ,स्कुल और कार्य स्थल पर छुट्टी रहती है।
घर के आँगन में थोड़ी जगह लीप कर गोबर से महल और दरबार बनाया जाता है।जिसके सामने अगले दिन भाईदोअज की पूजा होती है।
सभी मंदिरों और घरों में छप्पन भोग लगता है और गोबर्धन और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना होती है।
बहुत तरह के अलग भोग लगते है गिनती भी की जाती है सबसे महत्वपूर्ण होता है अन्नकूट - जो बहुत सारी सब्जियों को मिला कर बनाया जाता है।



गड्ड की सब्जी(अन्नकूट )

इस सब्जी में जितनी भी साग और सब्जिया आप इक्कट्ठा कर लें ,सबमे से थोड़ी थोड़ी ले लेते है जैसे - पालक,मैथी ,चोळाई, कददू,अमरुद,आलू,सिंगाड़े,लौकी,तोरई, अरबी,गोभी,पत्ता गोभी,गाजर,मटर,बैंगन, भसिंडा, बीन्स और हरी मिर्च
2 चम्मच  तेल
1 चम्मच जीरा
1/2 चम्मच मेथी दाना
1 चम्मच राई
1 चम्मच हल्दी
1 चम्ममच पिसा धनिया
1 गिला नारियल कसा हुआ
5 टमाटर और कटा हरा धनिया
नमक और गरम मसाला स्वादानुसार

सभी सब्जियों को धो कर काट कर रख लें।
तेल गरम करें और जीरा,राई व् मैथी को डाले तड़कने दे ।
आलू और अरबी जैसी सब्जी पहले डाले और ढक दें।
एक एक करके सभी सब्जियों को पका लें।
अन्त में मसाला और नमक के साथ नारियल मिलायें।
कुछ देर खुला करके भूनें।

ये ही अन्नकूट का ख़ास भोग कई तरह की पूरी और कचौड़ी के साथ भगवान को पड़वा के दिन अर्पण किया जाता है।



गड्ड की सब्जी

Tuesday, 25 October 2016

गुझिया

गुझिया बनाने के लिए

5 00 ग्राम खोवा (भुना हुआ)
400 ग्राम पिसी चीनी
कटी मेवा 1/2 कप
1 चम्मच इलायची पाउडर

4 कप मैदा
1/2कप घी
1/2कप पानी
घी तलने के लिए

2 धंटे लगेंगे
50 छोटी गुझिया बनेंगी

भुने खोये में पिसी चीनी मेवा और इलायची को अच्छी तरह मिला कर भूर भूरा कूर बना लें।

मैदा में 1/2कप घी को रगड़ कर मिला लें।इसको मोयन मिलाना कहते है।
घी मिल जाने के बाद देखिये की मैदा को हाथ में दबाने से लड्डू की तरह रुक पाता है या नहीं।लड्डू जैसा रुकना चाहिए ।
बहुत कम पानी से मैदा ग़ुथे।सख़्त मैदा से ही बढ़िया गूझे बनेंगे।
लोई काटे और पूड़ी के समान बेले आधी तरफ पानी लगाये और एक चम्मच कूर भर कर मोड़ के चिपकायें ।
हाथ से किनारी को गोन्डे।कपडे के निचे ढक कर रखते जाएं।
सब बन जाने पर कढ़ाई में घी गरम करें और बहुत सावधानी से तले।
कूर बाहर निकलने से घी गन्दा हो जाता है।
गूझे को तेज़ आंच में घी में ड़ालते है फिर पलट कर घीमी आंच पर सिकने देते है।
करारी और अंदर से नरम गुझिया बनाये खाये और खिलायें।

Khaja

Khaja is a sweet dish - made in different parts of India. During festivals many sweet dishes are made which have long shelf life and tastes good.
Khaja is one of them.

Khaja -

30 minutes to make
1/2 kg maida
6 tablespoon ghee
3/4 cup water
Oil for frying

2 cup sugar
1/2cup water

Knead maida with 4 tablespoon ghee and water.
Make four parts of the dough.
Roll out thin roties,on 2 roties spread remaining 2 tablespoon ghee and dust some flour.
Cover them with other 2 roties and fold from one end to make rolls.
Cut an inch wide pieces from it.
From the side it shows layers press each one with your palm and roll a bit to make them little bigger.

Heat oil and deep fry them on moderate heat ,four or five at a time.
When all are fried golden and crisp, in a separate big pan take sugar and water.
Cook till sugar dissolved and start crystal starts forming from the edges.
Quickly fold fried khaja in sugar to get sugar  coated .

Try making them sweet and salty.
Just add half teaspoon salt at the time of making dough.

Monday, 24 October 2016

शिक्षक (एक आदत)

हर चीज़ से सीखने का मौका मिलता है जो महसूस किया उसको पेश करती हूँ।


 पढ़ाता है हर एक को शिक्षक  --
बसा हर इंसा ,हर सामान में है शिक्षक !

बहुत नादान है देखो -
चुटकुला भी समझा कर सुनाता है शिक्षक

दूसरे की दुविधा मिटाने को -
हर बात कई बार दोहराता है शिक्षक

आदतन सवाल पूछता -
हर गाँठ सुलझाता है शिक्षक

हर किसी में छात्र देख कर -
सदा मुस्कुराता है शिक्षक

बच्चों के नाम खुद भूल जाये -
दूसरों को बातें याद दिलाता है शिक्षक

पढ़ने का शौक खुद रखें -
दूसरों को पुस्तक पकड़ाता है शिक्षक

सब करने के बाद बस -
थोड़ी सी इज्ज़त चाह्ता है शिक्षक

कुछ की प्रजाती ही अलग -
जन्म जात ही होते वो शिक्षक

कच्ची मिट्टी कुम्हार सा नाता -
हर रूप में शिल्पकार है शिक्षक ॥

----अलका माथुर

Saturday, 22 October 2016

व्यापार या व्यवसाय

कुछ तो - 

व्यापार से चाहतें हज़ार, इसके प्रकार कई हज़ार !
लिप्त या लुप्त होता इसमें सारा का सारा संसार ।

दुकान,मकान, सेवा,शिक्षा,धर्म,रिश्ता और देह - ,किसमे नहीं व्यापार !
चलता है,तो धन दौलत ख्याति वर्ना जीना भी दुष्वार।

ख़रीदार सदा - सही,ज्ञानी,पैनी नज़र वाला सर्वोपरि देनदार !
बात सब पर लागू, कभी चूंचूं इधर कभी दूसरी तरफ जाये किरदार ।

घर चलाने, देश बढ़ाने - अति आवश्यक होता कारोबार  !
मर्यादा को तोड़ के मानव ,तुम मत करना व्यापार ।

व्यवसाय के नियम बहुतेरे , जिनमें बांध साध कर चलाओं कारोबार !
कानून तोड़ कर ही मिलेगी सफलता ये धारणा निराधार ।

उत्तराधिकारी बनने से ही नहीं मिल जायेगी सफलता !
मेहनत,शिक्षा और कौशल को समझो सही हथियार ।।

-------- अलका माथुर

Friday, 21 October 2016

दीवले (माथुरों में दीपावली में बनने वाला वयंजन)

नरकचोदस पर गुसलखाने में दिया रख कर नहाते हैं। सारे घर आँगन की धुलाई होती है और गोदी में दीवले और पापड़ी खाने के लिए दी जाती है।
दीवले बनाना आसान है अगर दादी लोगो को बनाते देखा हो !
अम्माजी कहती थी- 1 सेर में एक छटाँक मोयन डाले है ,जिसका मतलब है की आज के नाप से हर किलोग्राम में 100 ग्राम !

दीवले बनाने के लिए

4 कप मैदा या 500 ग्राम मैदा
4 तेल वाले चम्मच तेल या 50 ग्राम तेल या घी का मोयन
बहुत कम पानी 1/2कप
तलने के लिए घी या रिफाइन्ड तेल

पागने के लिए
1/2कप पानी
2 कप चीनी

20 - 25 मिनिट लगेंगे

मैदा में 50 ग्राम रिफाइन्ड डाले और दोनों हाथों से रगड़ कर अच्छे मिलायें।
जब सारा मैदा एक सामान हो जाये,मैदा के लड्डू बन सकें ,बहुत थोडा पानी डाले।
एक दम टाईटमैदा मले।रख कर नरम पड़ जाता है।
तलने के लिए घी या रिफाइन्ड गरम करें।
मैदा को मोटा बेले और छोटे छोटे किसी कटर से गोल आकर काट लें।चाकू से छेद करें जिससे फूले नहीं।
इन गोलों को स्पंज पर रख कर बीच से दबा कर और एक सिरे पर छोटा सा फोल्ड कर के दिए का आकर बना लें।
माध्यम आंच करके हल्का सुनहरा होने तक सेकें।तेज आंच पर जल्दी सेंकने से नरम पड़ जायेगे,नरम न हो खूब खस्ता होने चाहिए।
सब सेक कर ठंडा होने दे।

चीनी और पानी को एक बड़ी कड़ाई में चढ़ाये जिसमें सब दीवले आ सकें।
चीनी घुल जाने पर तब तक पकने दें जब किनारे से जमने सी लगे ।5 मिनिट लगभग तेज आंच पर लगते है।
आंच धीमी करें और तले हुए दिवलो को चाशनी में डाले और लगातार चलाते रहें।
आंच से हटाने के बाद भी चलाते रहें वर्ना सब आपस में चिपक जायेगे।
मीठे और कुरकुरे दीवले तैयार है।




Wednesday, 19 October 2016

प्रतिक्रियाएं ( कविता)

चंद लाइन लिख रही हूँ -

क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब - गजब हैं !
मानव करता नेक विचार ,अक्सर हो जाता उलट व्यवहार !!

गस्सा बच्चे को खिलाती माँ ,स्वयं मुँह खोले बारम्बार  ।

लड़खड़ाते देख किसी को , दूर से हाथ बड़ जाये बेकार  ।

परदे पर आती रेल देखकर, पीछे  को छिटके झटकार ।

आजू बाजू गाड़ी निकले , टेड़े हो बचता अंदर बैठा इंसान ।

पूंछ परख थोड़ी भी हो, बीमारी का न रहे नामोनिशान ।

दिल को छू जाते भाव अगर ,ख़ुशी में बहती अश्रुधार ।

दवाई खाने का नाम लिया बस ,जाता रहे सारा बुखार ।

तेज भूख में ,बड़ जाये हर खाने का स्वाद  आपार  ।
ये प्राकृतिक सी प्रति क्रियाएँ है ।

मैं पर मैं हावी हो जाये, तो वो होता अभिमान है ।
मैं कुचले जब दूजे को,वो होती हैवानियत है ।
दिल दीवाना हो जाये, तो समझो उससे प्यार हैं ।
किसी पर जाओ बलिहार ,वो ममता या भक्ति हैं ।
मन के विपरीत करना पड़े व्यवहार ,वो बेबसी है ।
मन हो जाये काबू में समझो,संयमी समझदार है ।
तन मन धन और जान की परवाह छोड़े ,वो बलिदान है ।।

जिनमे सोच विचार नहीं,जानवर सामान है ।
बिना विचारे भी जानवरों का सदा - निहित सीमित सा व्यवहार है।।

क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब गजब है।
मानव के विचारों से उपजता व्यवहार है।।

---- अलका माथुर

करवा चौथ (बया और कहानी)

बचपन में जो कहानियों को हम हर बार सारे त्योहारों पर सुनते थे ! बहुत अच्छी लगती इन कहानियों का मतलब अब समझ आता है।
- रास्ते में तुमको चार बुढ़िया मिलेंगी 1 - नींद 2 - आस  3 - भूख़  4 - प्यास
 वो गंदे कपड़ो और धूल में लथपथ होंगी ,परन्तु उनसे घिन न करना ।
उनके पैर छू कर आशीर्वाद लेना ,बस उनका आशीर्वाद ही तुम्हारा कल्याण कर सकता है।
- राजा ने माँ की सीख का पालन किया और चारों का सम्मान किया और उसके बाद से राजा का विजय पथ उजागर हो गया।

यह बात कितनी महत्वपूर्ण ,सत्य ,सार्थक और सबको ऊपर सामान रूप से लागु होने वाली है।
आशा ही छोड़ दी तो कुछ नहीं बचा,मेहनत, कर्म और सफलता आशा के बीज से ही पैदा होते है।
नींद ,भूख और प्यास जिन्दगी का आधार है।
गन्दी हालात का ज़िक्र शायद - यही होगा कि इंसान को कम महत्त्व की लगने वाली ये बातें ,नकारने लायक नहीं है !घूल यानि पृथ्वी से ही उदय और अन्त निहित है।

सब लोगों को मैं  - जीवन में उनकी आशा हमेशा पूरी हो इसका आशीर्वाद देती हूँ !
कामना करती हूँ  - सभी की भूख, प्यास और नींद हमेशा उनको सेहत ,सुख और शांति प्रदान करें।

हमको अपनी रीति रिवाजों में हर प्रसंग में गूढ़ अर्थ देखने की जरुरत है।

गुलगुले या पुए बनाने के पीछे भी कारण है ! लंबे अंतराल के बाद अधिक ऊर्जा मिलने वाला पुआ सही होगा!!

पुए बनाने के लिए

1 कप आटा
1/2कप चीनी
1/2कप पानी
1 चम्मच दही
एक चुटकी इलायची पाउडर
कुछ लोग सौंफ और मेवा भी मिलाते है जो पसंद हो ले सकते है।
तलने के लिए तेल

चीनी या गुड़ जो भी लें उसको बराबर के पानी में घोल लें ।
इसमें दुगनी मात्रा का आटा मिलायें।
अच्छी तरह फेटें और दही व इलायची मिलायें।
तेल को तेज़ गरम करें और उसमे हाथ से पकौड़ी नुमा पुए तेल में छोड़ते जाएं।
धीमी आंच करके सेकें और निकाल कर इस्तेमाल तक ढक कर रखें ।
बढ़िया नरम गुलगुले या पुए तैयार है।


Monday, 17 October 2016

Veg manchurian (Chinese our style)

For 6 persons
Takes 20 minutes to make

Veg manchurian

1 cup grated cabbage
1 cup grated kaddu
1 grated capsicum
1cup grated lokki
1/2 cup grated cauliflower
1 tablespoon flour
1 teaspoon salt
1 tablespoon cornflour
Oil to fry  manchurian bolls

For manchurian sauce
2 capsicum chopped
3 onions chopped
12 garlic cloves
2 tablespoon soy sauce
1 tablespoon tomato sauce
1 teaspoon chilli sauce
1 teaspoon ajinomoto
1 teaspoon salt
1 tablespoon cornflour
1 cup water or vegetables stock

To make bolls
Mix grated vegetables and flour and cornflour.
Add salt and make small bolls.
Heat oil to high and deep fry all manchurian bolls.

Heat to tablespoon oil in a pan.
Fry garlic (chopped),than add onions and capsicum also .
Mix tomato sauce, soya sauce ,chilli, sauce and salt s and cornflour in water.
Add water and sauce and cook for 2 minutes with the fried manchurian bolls.
Serve hot with fried rice.

बेसन की पापड़ी (माथुरों के खास पकवान)

माथुर सभी होली और दीवाली के मौके पर बेसन की पापड़ी जरूर बनाते हैं।जो सबको बहुत पसंद आती है और ये पापड़ी 3 महीने तक ख़राब भी नहीं होती।

100 पापड़ी करीब एक किलो बेसन में बन जाती है।
3 घंटे लगेंगे ,बेलने में समय लगता है
20 मिनिट तलने में लगेंगे।

1 किलो बेसन थोडा मोटा पिसा हुआ
2 टी चम्मच नमक
1 चम्मच अजवाईन
1 चम्मच लाल मिर्च
1कप बारीक़ कटा हरा धनिया
पानी बहुत खुश्क मलने के लिए
रिफाइन्ड या सरसों तेल तलने के लिए

बेसन में नमक,अजवाईन, मिर्च और हरा धनिया मिलायें।
आधा कप पानी लें ,उसको भी थोडा थोड़ा करके डाले और बहुत सख्त मले।
सारा बेसन एक साथ हो जाये तब सिल और बट्टे पर तेल लगायें और बेसन को उस पर रख कर कूटे।कई बार तेल लगा लगा कर कूटते रहें।
पहले बेलनाकार करें फिर उसमें से छोटी छोटी लोई काट लें।
लोई को तेल लगा कर ढक कर रखें।
हर लोई से पापड़ जैसे बेल कर रखते जाएं।सब बिल जाने के बाद तेल गरम करें तेज आंच पर एक एक करके चिमटे से पकड़ कर सेक लें।
जितनी मेहनत उससे कहीं ज्यादा स्वाद !!

Saturday, 15 October 2016

नारी जन्मजली

परमेश्वर, महान, साधू,पूज्यनीय सब कुछ सही है !
नारी होना आसान है क्या ?
भक्त की सुनते भगवान, हर युग में नारी का कैसा सम्मान !!


राज्य त्याग,लंका विजय,रावण वध आसान नहीं था !
सीता का असहाय बने रहना आसान था क्या ?

पांडवों का सर्वोत्तम होना,शौर्य पराक्रम,गुण गान सही है !
विभाजित होती रोज द्रोपदी- का अपमान क्यों था ?

पैसा कमाना, नॉकरी पे जाना परिवार मुखिया होना सही है !
बिन पैसे के घर चलाना आसान है क्या ?

तन से,मन से,पहचान पुरुष से,कमजोर सदा अबला नारी है !
अवहेलना,उपहास,ताने सहनाऔर एसीड से जल जाना सरल है क्या ?

नहीं होती कमजोर मादा,शेरनी ही करती शिकार,नर को बनाती राजा !
सृष्टि रचती - ख़ुशी से प्रसव पीड़ा क्यों सहती मादा ??

--------------अलका माथुर


चना ज़ोर गरम (मज़ेदार चटपटा नाश्ता)

चना जोर गरम बाबू मै लाया मजेदार ,चनाज़ोर गरम !!
इसमें डालू ऐसा मसाला,खाते ही खुल जाये मुंह का ताला !!
इसका स्वाद इतना निराला,हर कोई हो जाये दिवाना, चना जोर गरम!!
इसमें प्याज टमाटर नीबू ,उस पर काला नमक निराला ,चना जोर गरम!!
जो निकाले दो - एक आना ,उसका हो जाये ये दोना, चना जोर गरम !!

शब्दों  को कभी याद नहीं रख पाई, मुझे पता है जिसने भी ये कभी भी सुना होगा उनके कानो में इसको बोलने वालो की आवाज़ और रिदम गूंजने लगा होगा।बचपन में भी खाने से ज्यादा मज़ा ,चना जोर गरम बेचने वाले चाचा का गाना सुनने में आता था।
ये रिदम और चना जोर गरम का स्वाद लाज़वाब है।
आप अब इसको घर पर भी बना सकते है आसानी से ,जिसमें मसाला अपनी पसंद से मिलाया जा सकता है।

काले चने  को  बनाने के लिए
1 किलोग्राम चने
तलने के लिए तेल
मसाला
2 चम्मच पिसी हल्दी
6 चम्मच नमक
4 चम्मच काला नमक
1 चम्मच टाटरी
3 चम्मच तेज पिसी लाल मिर्च
3 चम्मच पिसा जीरा
1 चम्मच काली मिर्च
3 चम्मच अमचूर   सभी मसाले मिला कर रख लें।

काले चने को रात भर पानी में भिगो कर रखें।
सुबह यानि5 घंटे भीगने के बाद चनो को धोएं और नमक के पानी में 3 मिनिट का प्रेशर दे।
नरम हो गए चनों को हाथ से या रोटी बेलने वाले से सभी चनों को दबा कर चपटे कर लें।सूखने दें।
तेल गरम करें और छन्नी में रख कर धीमी आंच में तलें और अख़बार पर तेल सोखने के लिए निकाले ,साथ ही मिला सूखा मसाला मिलाते जाये ।
ठंडा होने से मसाला नहीं मिलता है।
चना ज़ोर गरम तैयार है ,ऐसे ही या सलाद के साथ खाएं।

Friday, 14 October 2016

रस मलाई( मिठाई)

त्योहारों पर हर घर में बहुत सारी मिठाइयां बनती है।कुछ स्पेशियल मिठाई जो बहुत मुश्किल लगती है आसानी से घर मे बनाई जा सकती है।
रस मलाई भी उनमे से एक है।

रस मलाई के लिए
250 ग्राम पनीर ताज़ा
2 लीटर दूध
2 कप चीनी
1 कप दूध पाउडर
1 चुटकी केसर
सजाने के लिए पिस्ता और काजू

30 छोटी रस मलाई बनेगी
1 घंटे का समय कुल लगेगा

एकदम ताज़ा पनीर लें और उसको पानी से धो लें।
अब इसके छोटे टुकड़े तोड़ कर मिक्सी में चला लें।चिकना हो जाये तब तक।
इसके छोटे छोटे गोले बनाएं।
2 कप पानी में आधा कप चीनी डालें और कुकर में इस चाशनी को उबालें उबलते पानी  को आंच से उतारें और सावधानी से पनीर के गोलों को डाले।
आंच पर रख कर 3 मिनिट का प्रेशर लगाये।
दूध को उबालें और धीमी आंच पर आधा घंटे पकने दें।उसके बाद थोड़ा थोड़ा करके दूध पाउडर डाले और चलाते जाये।
कुकर में अपने आप प्रेशर निकलने के बाद खोलें और रस गुल्लों को पानी से निकाल कर दूध में कुछ देर पकायें।
थोड़ा दूध निकाल लें उसको थोड़ा ठंडा करके चीनी मिलायें और केसर मिलायें।
जब रस मलाई आपके पसंद अनुसार हो जाये केसर वाला दूध भी मिला लें।
बढ़िया ठंडा करें ,ऊपर से कटे पिस्ते आदि से सजायें और परोसें।

Thursday, 13 October 2016

बेटी को पाती

बेटी तुमको लिखती माँ ,समझ बूझ की ये पाती !
माँ दादी को मैंने अपनी, पीड़ा में देखा था,
काश ! थोड़ा सा कुछ मैं, जान भी ,पहचान भी पाती !
समझा तो था,जाना नहीं था,समझदारी कुछ अपने लिए दिखाती !
उनके जैसी उम्र ढलेगी, हेरिडिटी मुझको भी पकड़ेगी,ऑस्टियोअर्थरिटिस होगी!

उन्होंने अपनी माँ को कब देखा था,जो यह अन्तर समझाती !
अपना ख्याल रखों चेताया था,केल्शियम खाओ,व्यायाम करो इतना कहाँ बता पातीं !!

जीवन की सीढ़ियां चढ़ती गई मै, अब ज़ीना चढ़ने को तरस जाती !
स्वाभाविक जो सहना होगा, काया का ध्यान जरुरी,किया करो बेटी !
काया ही असली माया है,उसी की परवाह क्यों नहीं करती !
आहार आकर का ध्यान रहे तो टाली जायेगी हेरिडिटी ।।

Monday, 10 October 2016

दुर्गा पूजा पंडाल में बनने वाला भोग

पूजा पंडाल में जो खिचड़ी ,मिक्स्ड तरकारी,टमाटर चटनी और पायस खीर के साथ बेगुन भाचा बनता है,उसको साल भर याद करते है।घर में बनाने की विधी लिख रही हूँ ।

खिचड़ी के लिए
6 लोगो के लायक
समय 40 मिनिट

2 कप चावल
1 कप मूँग दाल
1/4 कप अरहर दाल
1/4कप उरद दाल
1/4कप धुली मसूर
थोड़ी थोड़ी सब्जियां गोभी ,गाजर आलू ,मिर्च और मटर
1 चम्मच अदरक पेस्ट
1 चम्मच जीरा ,राई, मेथीदाना ,कलौंजी और अजवाइन मिला कर
5 हरी मिर्च
1 कप देसी घी
1 चम्मच हल्दी पाउडर और नमक

सब्जियों को काटे।दाल और चावल अलग अलग सबको धो कर रख लें30 मिनिट भीगने दें।
छन्नियो में निकाल कर पानी निकलने रक्खे।
घी गरम करें और तेज़ आंच पर सब्जियों को तल कर निकाल कर अलग रख लें।
दाल को अलग अलग घी में भून कर निकाल कर रख लें।
और घी में चावल भून कर अलग से रख लें।
अगर भोग नहीं लगाना तो घी गरम करके प्याज और लहसुन भी भुने।
वर्ना घी गरम करें पचफोडन डाले और उसमें अदरक डाले भुन जाने पर दालों को और 4 कप पानी को 3 मिनिट तक प्रेशर कुक करें।
खुल जाने पर चावल मिलायें और कुछ देर पकने दें।
सब्जियों को भी डाल लें और चावल गल जाने तक पकने दे ,कुछ देर और पकायें और एक सामान होने दें ।
थोड़ी गीली हो तभी आंच से हटा लें बाद में भी पानी सोखेगी।
गरम गरम परोसें।

टमाटर की चटनी -
टमाटर की चटनी के लिए 8 या दस टमाटर को उबलते पानी में डाले और 2 मिनिट रख लें।
पानी से निकाले ठंडा हो जाये तब छिलका निकाल लें और काट लें।
राई और जीरा का छौक लगाये व स्वाद अनुसार नमक ,चीनी और मिर्च डाल लें।
एक सा होने तक पकने दें।


पालक पनीर (सब्जी जरा हट के)

पालक पनीर बहुत ज्यादा पसंद आने वाली और बहुत बनने वाली सब्जी है।वेजिटेरियन खाने में खास सब्जी होती है।पालक पनीर का बढ़िया बनना बहुत जरुरी है ।मैं अपनी पसंदीदा रेसिपी शेयर कर रही हूँ।

6 लोगों के लिए
30 मिनिट में बनेगी

1/2 किलो पालक
250 ग्राम पनीर
3 प्याज
6 कली लहसुन
1 इंच अदरक
1 चम्मच तेल
1/2कप मलाई
1/2कप दही
2 इलायची,2लौंग,5 काली मिर्च,जायफल और दालचीनी नाम मात्र ,जीरा थोडा सा इनको साथ भूने और पीस लें।
नमक स्वाद अनुसार

पालक को छोटा काटे और खूब अच्छे से धो लें।पानी निकलने के लिए छन्नी में रख लें।
तेल गरम करें उसमें लहसुन,अदरक काट के भूनें, कटी प्याज को भी भूनें नरम हो जाने पर पालक डाले और तेज आंच पर ढक कर 3 मिनिट पकायें।
आंच से हटा कर ठंडा करें और पीस लें पानी ज्यादा हो तो अलग रख लें।
पिसे पालक को फिर भूनने रखें, दही को फ़ैट कर मिलायें साथ ही नमक और ग्राम मसाला बनाया हुआ मिला लें।
मलाई भी मिला लें और भूनने के लिए ढक कर धीमी आंच पर रख लें।
पनीर के टुकड़े काटें और नमक के पानी में डुबो लें।
जब पालक घी छोड़ने लगें तब पनीर को पानी से निकाल कर डाले और कुछ देर पकने दें।
बढ़िया वाली पालक पनीर की सब्जी तैयार है। गरम गरम नान के साथ परोसें।

Sunday, 9 October 2016

पापड़ और ब्रेड वड़ा (साउथ इंडियन)

साऊथ में नाश्ते या खाने में एक दो तरह के वड़े जरूर परोसें जाते हैं जो बहुत ही स्वाद होते है ।दाल के मिश्रण के अलावा हरा धनिया और करी पत्ता जो स्वाद और खुशबू देते है ,क्या बात,मज़ा ही आ जाता है।

ब्रेड वड़ा बनाने के लिए

1/2कप उड़द दाल
1/4 कप धूलि मसूर
1/4 कप चना दाल
1 इंच अदरक कसी हुई
हरा धनिया ,करी पत्ता ,हरी मिर्च कटी हुई थोड़ी सी
नमक स्वादानुसार
1 चम्मच राई
तेल तलने के लिए
8 ब्रेड सलाइस

सब दालों को अच्छे से भिगो कर(3घंटे) बिना पानी के बारीक़ पीस लें।
थोड़ी सी उरड़ और चना दाल छौक के लिए बचा लें।
दाल को थोड़ा सा पानी मिला कर और चिकना पीसे,वड़े तलने के समय नमक मिलाये।
आधा चम्मच घी गरम करें उसमे राई और बचाई चम्मच दाल तड़काये और पिसी दाल में मिला लें।
हर धनिया, हरी मिर्च,करी पत्ता और अदरक को भी मिला लें।
तेल गरम करें और तेज आंच पर अलग अलग आकर के वड़े तलें।
ब्रेड वड़ा के लिए ब्रेड के गोल या चौकोर टुकड़े काटे ,दाल मिश्रण में लपेटे और तल लें। अगर दाल का मिश्रण थिक हो तो पानी मिला कर थोडा पतला कर लें।
गरम गरम बहुत मजेदार लगेंगे।
दही चटनी
1/2 कप दही
2 हरी मिर्च
1/2कप करी पत्ता
1 चम्मच नमक
2 चम्मच चीनी
सबको मिक्सि में चला लें ।ये चटनी भी बड़िया लगेगी।

उत्तेजना (कड़वा सच)

रात दिन करता था मेहनत,गुजर बसर हो जाती थी बी बस !
थोड़े कपड़े, आधा पेट खाना,गरीब करता गुजारा जस तस!!

भुसरु का परिवार,गांव में लोगों सा ,मेल मिलाता जीता जाता !
खेत जोता ,छोटा होता,गाय सहित झोपड़ में समाता, नहीं बड़ी सी सोच!!

सौ दो सौ का लालच जागा, भुसरु रैली को उठ कर भागा !
ट्रकों में भर भर आदम ढोया, पानी बोतल केला सबको पकड़ाया !!

तीन बजे आँखे चोंधियाई, बड़ा नेता दूर से चमकता पाया !
असम्झि सुनी,धूप तेज़ी, सिर चकराया,बेकारण भगदड़ मचाया !!

भुसरु भी संग,घायल,लथपथ,बेहोशों को अस्पताल पहुचवाया !
उत्तेजित खून,गरम प्रचार,चटकीला मिडिया किसने ,क्यों बबाल मचाया !!

तार-तार उसकी इज्जत,चश्मा कहीं, सेटीस्कोप को कही उड्डाया !
सफ़ेद कोट,पुती कालिख़, सेवा  उपकार,पच्चीस बर्षो का किया कराया !!
सही ग़लत, न्याय नसीहत,इलाज अपचार ,अधिकार और जिम्मेदारी !
जीवन जुआ,अनगिनत तकरार उतेज़ना में क्यों कर बार बार बहाया ।।



Friday, 7 October 2016

Cabbage soup

Soup is very important course of meal ,sometime it makes a meal in it self.
To add protein use stock-
1- vegetarian can boil leftover vegetables like stems ,corn and soyabeen .
2 - bones can be slow cooked for 3 hours to make thick and sticky stock.

To make cabbage  soup

4 persons
15 minutes to make

Ingredients-
1 cup chopped cabbage
1 tablespoon butter
1 tablespoon cornflour
Salt and pepper to taste
2 cups stock
2 cups water
Method-
In pressure cooker heat butter and cook cabbage for one minute than add 2 cups water .
Pressure cook cabbage for five minutes.
Grind and strain the soup, which is very thick.
Reheat the liquid to boil.
Add cornflour to little water and add to the boiling soup.
Add salt ,pepper and stock.
Serve boiling hot with lavash.

Lavash is a baked paped like bread you can easily make at home.
Search recipe in my blog  cooking made easy by alka.

Thursday, 6 October 2016

भरवां शिमला (सब्जी ज़रा ख़ास)

सब्जियों को भरवां बनाने से देखने में अच्छी लगती है और कई चीजो को मिलाने से स्वाद बहुत बड़ जाता है जिससे वह ख़ास बन जाती है घर की पार्टी में भी मेज़ पर हॉट प्लेट पर गरम तवे पर कई सारी सब्जियों को सजा कर परोस सकते है।इस एक शिमला मिर्च के साथ में कुछ विशेष बातों का जिक्र कर रही हूँ।

भरवां शिमला मिर्च बनाने के लिए

2 शिमला मिर्च
1 उबला आलू
1 चम्मच कॉर्न
1 कली लहसुन
1 चम्मच प्याज
1/2चम्मच नमक
1/4 काली मिर्च पिसी हुई
तेल थोडा सा
2 चम्मच आटा

शिमला मिर्च को दो हिस्सों में काट लें।
आधा चम्मच तेल गरम करें उसमे लहसुन और प्याज भूनें।
आलू और शिमला मिर्च के बीच से निकाला हिस्सा भी डाले।
नमक और मिर्च डाले और 2 मिनिट भुन कर निकाल लें।
शिमला मिर्च में भरें।
तेल गरम करें ।शिमला मिर्च को आलू वाली तरफ से आटा चिपकाये ,छूने भर से चिपक जाता है।
तल लें तेल में जब तक गल न जाये।
निकाल कर ठंडा होने दें ।
हल्का सा खुरचे और शिमला मिर्च का छिलका निकाल लें।
भरवां टमाटर का भी छिलका इसी तरह निकाल सकते है छिलका आपकी पूरी मेहनत बेकार कर सकता है।
चाहे तो कोई रसा (करी) बना कर परोसें मसाले के साथ और ज्यादा बड़िया लगती है भरवां सब्जिया ।

Wednesday, 5 October 2016

तले बैंगन (सब्जी जरा हट के )

एक बात पहले बताती हूँ - दीवाली के दिए जलाने से पहले उनको पानी में भिगो कर रख दें तो वो पानी सोख लेते है और तेल या घी अधिक देर तक चलता है।

1 बैंगन
तलने के लिए तेल
ऊपर से बुरकने को नमक और चाट मसाला

बैंगन के आकर पर निर्भर है बड़े बैंगन से 10 गोल स्लाइसेस काटे जा सकते है दो लोग के लिए ही होगें ,उसी हिसाब से बैंगन लें।
बनाने में 10 मिनिट भी न लगेंगे।

विधी- बैंगन के गोल स्लाइसेस एक सेंटीमीटर मोटे काट कर पानी में कम से कम बीस मिनिट के लिए भिगो लें।इससे ये तेल नहीं पियेंगे।
जब खाना लगा रहे हो ,तेल गरम करें।
बैंगन स्लाइस को छन्नी में निकाले और गरम तेल में तल लें।
निकल कर चाहें तो ब्लोटिंग टिससू पर रखें ये कोई तेल नहीं छोड़ेंगे।
ऊपर से नमक और चाट मसाला बुरक़े।

बेगुन भाचा के लिए पानी में हल्दी डाल लें।

Tuesday, 4 October 2016

पेंच का पराठा यूपी से

पहले से पार्टियों में अब और ज्यादा तरह के रोटी - पराठे परोसें जाते है।जब खुद ही सारा काम करना हो तो बहुत बातों का ध्यान रखना जरुरी है !
कौन से परांठे गरम करने पर ठीक या बहुत अच्छे लगेंगे -
1 - खमीरी रोटी या कुलचे यीस्ट डाल कर बनाएं
2 - सादे की जगह भरवा परांठे तवे और माइक्रोवेव दोनों में ठीक गरम होते है
3 - पेंच के परांठे भी गरम करके भी बहुत बढ़िया लगते है
4 - गार्लिक रोल या ब्रेड भी बढ़िया पसंद हो सकती है

10 पेंच के परांठे बनाने के लिए
20 मिनिट लगेंगे

2 कप आटा
1 कप मैदा
1/2 चम्मच नमक
1 चम्मच तेल
पानी /दूध का मिश्रण dough बनाने के लिए
1 कप घी परत बनाने और सेकने के लिए

मैदा और आटे में नमक और 1 चम्मच तेल मिलायें, अच्छी तरह,पानी से नरम डोह तैयार करें।
दस हिस्से करें।
हर एक को बड़ा करें, धी लगाये सब जगह,और गोल लपेट दे,इस कोपेंच की तरह बीच से गोल चक्कर लगाते हुए जोड़ते जाये।इस लोई को हथेली से दबाये और परांठे सा बड़ा करें।
तवा गरम करें और पराठा सेकते जाएं।
सारे परांठे कम करारे सेक लें।
जब खाना परोसें तब और पसं


द से और सेकें और परोसें,सब खुश हो जायेंगे।

करारी प्याज की पकौड़ी

करारी प्याज की पकौड़ी

10 मिनिट लगेंगे
6 लोगों के लिए

1 कप बेसन
1 चम्मच चावल का आटा
1चम्मच नमक
1 चम्मच जीरा
2 कटी हरी मीर्च
3 प्याज
1छोटा चम्मच सोडा
1/2कप छाछ
तलने के लिए तेल

प्याज को मोटा काट लें।चाहें तो अलग अलग रिंग्स कर लें।
बेसन,चावल आटे ,नमक,जीरा,सोडा और मिर्च को साथ में मिला लें।
थोडा पानी डाल कर थिक पेस्ट बनाएँ।
तेल गरम होने रखें।
प्याज और छाछ को पेस्ट के साथ एकसार करें।
गरम तेल में तल लें।सुनहरा होने तक सेकें।
गरम गरम कुरकुरे पकोड़े मनपसंद चटनी के साथ खाएं और खिलायें।
इसी तरह गोभी और आलू के भी पकोड़े बना लें।



Monday, 3 October 2016

खीर (चरु)

प्रगटे अगिनि चरु कर लीन्हे  - यानि दशरथजी के हवन के बाद अग्निदेव हाथ में चरु मतलब खीर लिए प्रकट हुए।
यह हबि बांटी देहु नृप जाई -  हबि , खीर या पायस राजा को बाँटने को दे दी।

रामायण में खीर के लिखे जाने का अर्थ है खीर बनाने की परम्परा उस से पुरानी है।

लौकी की खीर बनाने के लिए

1 किलो दूध
1 कप कसी हुई लौकी
1/2कप चीनी
काजू और किशमिश थोड़ी थोड़ी
1/2चम्मच पिसी इलायची

30 मिनिट में बनेगी
5 लोगों के लिए

दूध को उबलने रखें।
लौकी को बारीक़ कसे और दबा कर पानी निकाल दें।
बची लौकी को उबलते दूध में डाले और 30 मिनिट तक धीमी आंच पर पकने दें।बीच बीच में चलाते रहें।
आंच से हटा कर चीनी मिलाये।काजू किशमिश और इलायची पाउडर मिलाये ।
ठंडी होने पर परोसें।

मोटापा - अलका की तरफ से कुछ

मुटापे तूने कभी न किया, किसी का भी भला ।

अंदर से खोखला रख, शारीर पर तू और लदा, और लदा
चौबीस घन्टे कवायत करती,कसरत का समय कहाँ भला !

कपड़े, हर साल छोटे को जाते,नये की हैसियत मेरी कहाँ
इसी में दबा कपड़ा थोडा,सरकाउंगी सिलाई साइड जरा  !

स्लिम ट्रिम विकनी वाली को,क्यों ताकते है मेरे सरकार
खबर नहीं थी,बीस साल में - सास सा सरूप लेगी अख्तियार !

बुखार हो या समस्या अपार, डॉक्टर को मिल जाये हथियार
वजन कम करें! वरना सारी की सारी दवाइयाँ है बेकार !!

छिपाये नहीं छिपता मोटापा, भीड़ में हो गया तमाशा जबही,
पांच मीटर थोड़ी उडी उड़ी, किसी में दबा डाली,किसी ने उड़ा ली हँसी!

मोटापे ने पकड़ा व्यापार, कम करने को इश्तिहारों से भरा अख़बार
बजट में मेरे केवल आ पा एगा, एक रंदा बहुत तेज़ धार !!!!

मोटापे तूने कभी न किया मेरा भला !
आज शुरू करवा दे,यहॉ से हँसी का सिला!!


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ये सिर्फ एक व्यंग्य है कृपया किसी से समानता होने व् लगने पर  अन्यथा न लें।मेरा इरादा सिर्फ और सिर्फ रचना का है ,हँसाने का है किसी को भी चोट पहुँचाने का नहीं ।
अलका