प्रगटे अगिनि चरु कर लीन्हे - यानि दशरथजी के हवन के बाद अग्निदेव हाथ में चरु मतलब खीर लिए प्रकट हुए।
यह हबि बांटी देहु नृप जाई - हबि , खीर या पायस राजा को बाँटने को दे दी।
रामायण में खीर के लिखे जाने का अर्थ है खीर बनाने की परम्परा उस से पुरानी है।
लौकी की खीर बनाने के लिए
1 किलो दूध
1 कप कसी हुई लौकी
1/2कप चीनी
काजू और किशमिश थोड़ी थोड़ी
1/2चम्मच पिसी इलायची
30 मिनिट में बनेगी
5 लोगों के लिए
दूध को उबलने रखें।
लौकी को बारीक़ कसे और दबा कर पानी निकाल दें।
बची लौकी को उबलते दूध में डाले और 30 मिनिट तक धीमी आंच पर पकने दें।बीच बीच में चलाते रहें।
आंच से हटा कर चीनी मिलाये।काजू किशमिश और इलायची पाउडर मिलाये ।
ठंडी होने पर परोसें।
यह हबि बांटी देहु नृप जाई - हबि , खीर या पायस राजा को बाँटने को दे दी।
रामायण में खीर के लिखे जाने का अर्थ है खीर बनाने की परम्परा उस से पुरानी है।
लौकी की खीर बनाने के लिए
1 किलो दूध
1 कप कसी हुई लौकी
1/2कप चीनी
काजू और किशमिश थोड़ी थोड़ी
1/2चम्मच पिसी इलायची
30 मिनिट में बनेगी
5 लोगों के लिए
दूध को उबलने रखें।
लौकी को बारीक़ कसे और दबा कर पानी निकाल दें।
बची लौकी को उबलते दूध में डाले और 30 मिनिट तक धीमी आंच पर पकने दें।बीच बीच में चलाते रहें।
आंच से हटा कर चीनी मिलाये।काजू किशमिश और इलायची पाउडर मिलाये ।
ठंडी होने पर परोसें।
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