दीपावली के अगले दिन सुबह अम्माजी हवा में झाड़ू ले कर कहती "निकल दिलद्दर लक्ष्मी आगई" और ये कहते झाड़ू हिलाते सारे घर का चक्कर लगाया करती ।पुरानी झाड़ू या सुप को बाहर फ़ेक देती थी।
उस दिन घर में झाड़ू पोंछा नहीं होता था। इसके पीछे दो कारण रहे होंगे!
1 - कई दिनों से पुरे घर की सफाई हो रही होती थी और जब लक्ष्मीजी आई है तो उनकी पूजा करो।
2 - थकान और नॉकर् चाकर का छुट्टी पर रहने के कारण भी यह प्रचलित हो गया होगा।
ये पड़वा का दिन होता है,मान्यता है कि कोई काम नहीं करता है ।यूपी में बहुत जगह बाजार ,स्कुल और कार्य स्थल पर छुट्टी रहती है।
घर के आँगन में थोड़ी जगह लीप कर गोबर से महल और दरबार बनाया जाता है।जिसके सामने अगले दिन भाईदोअज की पूजा होती है।
सभी मंदिरों और घरों में छप्पन भोग लगता है और गोबर्धन और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना होती है।
बहुत तरह के अलग भोग लगते है गिनती भी की जाती है सबसे महत्वपूर्ण होता है अन्नकूट - जो बहुत सारी सब्जियों को मिला कर बनाया जाता है।
गड्ड की सब्जी(अन्नकूट )
इस सब्जी में जितनी भी साग और सब्जिया आप इक्कट्ठा कर लें ,सबमे से थोड़ी थोड़ी ले लेते है जैसे - पालक,मैथी ,चोळाई, कददू,अमरुद,आलू,सिंगाड़े,लौकी,तोरई, अरबी,गोभी,पत्ता गोभी,गाजर,मटर,बैंगन, भसिंडा, बीन्स और हरी मिर्च
2 चम्मच तेल
1 चम्मच जीरा
1/2 चम्मच मेथी दाना
1 चम्मच राई
1 चम्मच हल्दी
1 चम्ममच पिसा धनिया
1 गिला नारियल कसा हुआ
5 टमाटर और कटा हरा धनिया
नमक और गरम मसाला स्वादानुसार
सभी सब्जियों को धो कर काट कर रख लें।
तेल गरम करें और जीरा,राई व् मैथी को डाले तड़कने दे ।
आलू और अरबी जैसी सब्जी पहले डाले और ढक दें।
एक एक करके सभी सब्जियों को पका लें।
अन्त में मसाला और नमक के साथ नारियल मिलायें।
कुछ देर खुला करके भूनें।
ये ही अन्नकूट का ख़ास भोग कई तरह की पूरी और कचौड़ी के साथ भगवान को पड़वा के दिन अर्पण किया जाता है।
उस दिन घर में झाड़ू पोंछा नहीं होता था। इसके पीछे दो कारण रहे होंगे!
1 - कई दिनों से पुरे घर की सफाई हो रही होती थी और जब लक्ष्मीजी आई है तो उनकी पूजा करो।
2 - थकान और नॉकर् चाकर का छुट्टी पर रहने के कारण भी यह प्रचलित हो गया होगा।
ये पड़वा का दिन होता है,मान्यता है कि कोई काम नहीं करता है ।यूपी में बहुत जगह बाजार ,स्कुल और कार्य स्थल पर छुट्टी रहती है।
घर के आँगन में थोड़ी जगह लीप कर गोबर से महल और दरबार बनाया जाता है।जिसके सामने अगले दिन भाईदोअज की पूजा होती है।
सभी मंदिरों और घरों में छप्पन भोग लगता है और गोबर्धन और भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना होती है।
बहुत तरह के अलग भोग लगते है गिनती भी की जाती है सबसे महत्वपूर्ण होता है अन्नकूट - जो बहुत सारी सब्जियों को मिला कर बनाया जाता है।
गड्ड की सब्जी(अन्नकूट )
इस सब्जी में जितनी भी साग और सब्जिया आप इक्कट्ठा कर लें ,सबमे से थोड़ी थोड़ी ले लेते है जैसे - पालक,मैथी ,चोळाई, कददू,अमरुद,आलू,सिंगाड़े,लौकी,तोरई, अरबी,गोभी,पत्ता गोभी,गाजर,मटर,बैंगन, भसिंडा, बीन्स और हरी मिर्च
2 चम्मच तेल
1 चम्मच जीरा
1/2 चम्मच मेथी दाना
1 चम्मच राई
1 चम्मच हल्दी
1 चम्ममच पिसा धनिया
1 गिला नारियल कसा हुआ
5 टमाटर और कटा हरा धनिया
नमक और गरम मसाला स्वादानुसार
सभी सब्जियों को धो कर काट कर रख लें।
तेल गरम करें और जीरा,राई व् मैथी को डाले तड़कने दे ।
आलू और अरबी जैसी सब्जी पहले डाले और ढक दें।
एक एक करके सभी सब्जियों को पका लें।
अन्त में मसाला और नमक के साथ नारियल मिलायें।
कुछ देर खुला करके भूनें।
ये ही अन्नकूट का ख़ास भोग कई तरह की पूरी और कचौड़ी के साथ भगवान को पड़वा के दिन अर्पण किया जाता है।
गड्ड की सब्जी
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