चंद लाइन लिख रही हूँ -
क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब - गजब हैं !
मानव करता नेक विचार ,अक्सर हो जाता उलट व्यवहार !!
गस्सा बच्चे को खिलाती माँ ,स्वयं मुँह खोले बारम्बार ।
लड़खड़ाते देख किसी को , दूर से हाथ बड़ जाये बेकार ।
परदे पर आती रेल देखकर, पीछे को छिटके झटकार ।
आजू बाजू गाड़ी निकले , टेड़े हो बचता अंदर बैठा इंसान ।
पूंछ परख थोड़ी भी हो, बीमारी का न रहे नामोनिशान ।
दिल को छू जाते भाव अगर ,ख़ुशी में बहती अश्रुधार ।
दवाई खाने का नाम लिया बस ,जाता रहे सारा बुखार ।
तेज भूख में ,बड़ जाये हर खाने का स्वाद आपार ।
ये प्राकृतिक सी प्रति क्रियाएँ है ।
मैं पर मैं हावी हो जाये, तो वो होता अभिमान है ।
मैं कुचले जब दूजे को,वो होती हैवानियत है ।
दिल दीवाना हो जाये, तो समझो उससे प्यार हैं ।
किसी पर जाओ बलिहार ,वो ममता या भक्ति हैं ।
मन के विपरीत करना पड़े व्यवहार ,वो बेबसी है ।
मन हो जाये काबू में समझो,संयमी समझदार है ।
तन मन धन और जान की परवाह छोड़े ,वो बलिदान है ।।
जिनमे सोच विचार नहीं,जानवर सामान है ।
बिना विचारे भी जानवरों का सदा - निहित सीमित सा व्यवहार है।।
क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब गजब है।
मानव के विचारों से उपजता व्यवहार है।।
---- अलका माथुर
क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब - गजब हैं !
मानव करता नेक विचार ,अक्सर हो जाता उलट व्यवहार !!
गस्सा बच्चे को खिलाती माँ ,स्वयं मुँह खोले बारम्बार ।
लड़खड़ाते देख किसी को , दूर से हाथ बड़ जाये बेकार ।
परदे पर आती रेल देखकर, पीछे को छिटके झटकार ।
आजू बाजू गाड़ी निकले , टेड़े हो बचता अंदर बैठा इंसान ।
पूंछ परख थोड़ी भी हो, बीमारी का न रहे नामोनिशान ।
दिल को छू जाते भाव अगर ,ख़ुशी में बहती अश्रुधार ।
दवाई खाने का नाम लिया बस ,जाता रहे सारा बुखार ।
तेज भूख में ,बड़ जाये हर खाने का स्वाद आपार ।
ये प्राकृतिक सी प्रति क्रियाएँ है ।
मैं पर मैं हावी हो जाये, तो वो होता अभिमान है ।
मैं कुचले जब दूजे को,वो होती हैवानियत है ।
दिल दीवाना हो जाये, तो समझो उससे प्यार हैं ।
किसी पर जाओ बलिहार ,वो ममता या भक्ति हैं ।
मन के विपरीत करना पड़े व्यवहार ,वो बेबसी है ।
मन हो जाये काबू में समझो,संयमी समझदार है ।
तन मन धन और जान की परवाह छोड़े ,वो बलिदान है ।।
जिनमे सोच विचार नहीं,जानवर सामान है ।
बिना विचारे भी जानवरों का सदा - निहित सीमित सा व्यवहार है।।
क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं अजब गजब है।
मानव के विचारों से उपजता व्यवहार है।।
---- अलका माथुर
No comments:
Post a Comment